केंद्र सरकार ने लेबर कोड्स में किया बड़ा बदलाव, कांग्रेस का जोरदार विरोध

नई दिल्‍ली
कांग्रेस ने केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन श्रम सुधार विधेयकों का कड़ा विरोध किया है। संसद ने बुधवार को तीनों विधेयकों को मंजूरी दे दी थी। अब कंपनियों को बंद करने की बाधाएं खत्म होंगी। नए प्रावधानों के तहत, अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की इजाजत के बिना कर्मचारियों को निकालने की अनुमति होगी। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इसे ‘किसानों के बाद, मजदूरों पर वार’ बताया है। वहीं प्रियंका गांधी ने कहा कि बीजेपी सरकार ने ‘अत्‍याचार आसान’ कर दिया है।

भाई-बहन का मोदी सरकार पर वार
पूर्व कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार सुबह एक ट्वीट में कहा, “गरीबों का शोषण, ‘मित्रों’ का पोषण यही है बस मोदी जी का शासन।” उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि ‘भाजपा सरकार अब ऐसा कानून लाई है जिसमें कर्मचारियों को नौकरी से निकालना आसान हो गया है।’ उन्‍होंने नवभारत टाइम्‍स की रिपोर्ट शेयर करते हुए लिखा, “इस कठिन समय की मांग है कि किसी की नौकरी न जाए। सबकी आजीविका सुरक्षित रहे। भाजपा सरकार की प्राथमिकता देखिए।”

विपक्षी दलों ने किया कार्रवाई का बहिष्‍कार
राज्यसभा ने बुधवार को ध्वनि मत से औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा और व्यावसायिक सुरक्षा पर शेष तीन श्रम संहिताओं को पारित किया। इस दौरान आठ सांसदों के निष्कासन के विरोध में कांग्रेस, वामपंथी और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने राज्यसभा की कार्रवाई का बहिष्कार किया। इन तीनों संहिताओं को लोकसभा ने मंगलवार को पारित किया था और अब इन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

नए कानूनों में क्‍या है?
सरकार ने 29 से अधिक श्रम कानूनों को चार संहिताओं में मिला दिया था और उनमें से एक संहिता (मजदूरी संहिता विधेयक, 2019) पहले ही पारित हो चुकी है। राज्यसभा में बुधवार को पारित हुए विधेयक संहिताएं- ‘उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा कार्यदशा संहिता 2020’, ‘औद्योगिक संबंध संहिता 2020’ और ‘सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020’ हैं। इनमें किसी प्रतिष्ठान में आजीविका सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा को विनियमित करने, औद्योगिक विवादों की जांच एवं निर्धारण तथा कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा संबंधी प्रावधान किये गए हैं।

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