भगवान भास्कर को अघ्र्य के साथ सम्पन्न हुआ छठ पर्व

चित्र परिचयः उदय होते भगवान भास्कर को अघ्र्य देती महिलाए
 
रूपईडीहा/बहराइच। शनिवार की सुबह 04 बजे से ही धर्मप्राण आस्थावना व्रतालु महिलाए अपनी अपनी बेदियों पर पूजार्चना मे तल्लीन हो गयी। एक स्वर मे छठ मैया के भजन गाती रही। भगवान भास्कर के उदय होते ही सुबह 06ः40 बजे सैकड़ों महिलाओं ने अघ्र्य दिया। अघ्र्य के पूर्व छठ पर्व की महत्ता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए समाज सेवी डा. सनत कुमार शर्मा ने कहा कि भारत ही नही बल्कि यह पर्व पूरे विश्व मे हिन्दू धर्मानुरागियों की आस्था का केन्द्र हो गया है। बिहार से प्रारम्भ हुआ यह व्रत आज सूनी गोदों को भरने के लिए प्रसिद्ध हो चुका है। उन्होने कहा कि इस व्रत को करने से खानदान की वृद्धि होती है। यह मान्यता भी है।

उन्होने यह भी कहा कि कस्बे मे ही इसके अनेकों उदाहरण है। प्रमुख रूप से यह सूर्य भगवान की पूजा का पर्व है। छठी मैया ब्रह्मा जी की मानस पुत्री के रूप मे पूजी जाती है। अघ्र्य के पश्चात मौजूद पत्रकारों को श्री हनुमंत छठ पूजा समिति के अध्यक्ष कमल मदेशिया उत्तरीयम व लेखनी देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अनिल अग्रवाल, रिंकू अवस्थी, नरेन्द्र मदेशिया, अरविंद शुक्ल, शेरसिंह कसौधन, सुशील बंसल व देवी प्रसाद मदेशिया, संध्या, प्रज्ञा, निधि, सोनाक्षी, प्रीती, मनीषा, सरिता, मुस्कान, पार्वती देवी, मीना वर्मा, सरिता वर्मा व माला देवी आदि लोग सपरिवार मौजूद रहे। प्रसाद वितरण के साथ परम्परागत रूप से छठ महोत्सव सम्पन्न हो गया।

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