कोरोना महामारी ने बढ़ाई केजरीवाल सरकार की टेंशन, प्राइवेट अस्पतालों में 80% ICU बेड रिजर्व

नई दिल्ली
दिल्ली में एक बार फिर कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। दिल्ली सरकार के अलावा केंद्र सरकार भी वायरस की रोकथाम को लेकर ऐक्टिव नजर आ रही है। इस बीच केजरीवाल सरकार ने अहम फैसला लिया है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली के 42 निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल की क्षमता के अनुसार 80 फीसदी आईसीयू बेड आरक्षित रखने के आदेश दिए हैं।

उधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली के चिकित्सा बुनियादी ढांचे में बढ़ोतरी करने के उद्देश्य से यहां एक कोविड-19 देखभाल केंद्र में 500 पृथक बिस्तरों को ऑक्सीजन बिस्तर में परिवर्तित किया जाएगा, जबकि राजधानी में पिछले तीन दिनों में आईसीयू बिस्तरों की संख्या में 150 की बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने नवंबर के अंत तक दिल्ली में प्रतिदिन होने वाली आरटी-पीसीआर जांच की संख्या बढ़ाकर 60,000 करने का भी फैसला किया है।

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि कोविड-19 देखभाल सुविधाएं बढ़ाने के प्रयासों के तहत अर्धसैनिक बलों के 75 डॉक्टरों और 251 पैरामेडिकल कर्मी दिल्ली में ड्यूटी पर आये हैं। इसमें से 50 डॉक्टरों और 175 पैरामेडिकल कर्मियों के छतरपुर और शकूर बस्ती कोविड-19 देखभाल केंद्रों में तैनात किया गया है।

‘दिल्ली सरकार युद्ध स्तर पर कर रही है काम’
दिल्ली के कोरोना वायरस की तीसरी लहर से जूझने के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार विभिन्न अस्पतालों में आईसीयू बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के लिए ” युद्ध स्तर” पर काम कर रही है। डीडीयू अस्पताल का दौरा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए केजरीवाल ने कहा कि डॉक्टर अस्पताल में आईसीयू बिस्तर की संख्या मौजूदा 50 से 100 करने को तैयार हो गए हैं। उन्होंने कहा, ” मेरी डीडीयू के चिकित्सा अधीक्षक और डॉक्टरों के साथ बैठक हुई। फिलहाल कोविड मरीजों के लिए 50 बिस्तर निर्धारित हैं, जिन्हें वे दोगुना करने पर सहमत हो गए हैं। “

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