कोरोना की दहशत : झांसी जिला कारागार से रिहा होंगे 210 कैदी

झांसी । देश—दुनिया में मौत का तांडव मचा रहे नोवेल कोरोना वायरस का खौफ भारत में इस कदर व्याप्त है कि बचाव के लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना के प्रसार की चेन को तोड़ने के लिए शासन व सत्ता ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत लॉक डाउन के बीच झांसी जिला कारागार से 210 कैदियों को रिहा किया जायेगा जिनकी सजा सात साल से कम है। यह रिहाई सोमवार से शुरु कर दिया जाएगी।

इस संबंध में जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला ने रविवार को ‘हिन्दुस्थान समाचार’ को जानकारी दी कि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर कम सजा पाये कैदियों को छोड़े जाने के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश के क्रम में जो कैदी सात साल से कम की सजा पाये हैं या इसी तरह के अपराधों में जिन पर मुकदमा चल रहा है, उन कैदियों को जेल से रिहा किया जाएं। उन्हें पैरोल पर छोड़ा जाए और जिनके मुकदमें विचाराधीन हैं उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए।

इस निर्णय के तहत जिले की कारागार में ऐसे 210 कैदियों को चिंहित किया गया है और कल यानि सोमवार से इन सभी कैदियों को रिहा किये जाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। उन्होंने बताया कि संभवतः तीन से चार दिन में चिंहित किये गये सभी कैदी रिहा कर दिये जायेंगे।

कोरोना के खतरे को देखते हुए सुरक्षा के इंतजाम

उन्होंने बताया कि कोरोना खतरे को देखते हुए जेल में कैदियों की सुरक्षा के लिए इंतजाम पहले से ही कर लिये गये हैं। कैदियों को मास्क आदि बांटे गये हैं और पर्याप्त मात्रा में सेनीटाइजर की व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा सभी को इस वायरस से जुड़े खतरे और बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। बैरकों के सेनीटाइजेशन का छिड़काव भी किया गया है। कई समाजसेवी संगठनों ने भी कैदियों के लिए मास्क उपलब्ध कराएं हैं। लॉक डाउन के बाद से कैदियों से किसी भी बाहरी व्यक्ति को नहीं मिलने दिया जा रहा है। इस तरह जेल प्रशासन कैदियों की वायरस से सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय करने में जुटा है।

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