यूपी में रिहा किये जाएंगे 248 बाल बन्दी, अब तक पैरोल पर छोड़े जा चुके हैं 9,137 कैदी

लखनऊ  । प्रदेश में उच्च न्यायालय के वरिष्ठ जज की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ‘जुवेनाइल अंडर ट्रायल प्रिजनर्स’ को छोड़ने का निर्णय किया गया है।

अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने शुक्रवार को बताया कि जुवेनाइल प्रिजनर्स में बड़ी संख्या ऐसे बच्चे, जिन पर पेटी ऑफेंसेज हैं, 248 ऐसे बच्चों को आज छोड़ने का निर्णय उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित कमिटी द्वारा किया गया है। अब तक जेल के माध्यम से बेल और पैरोल पर छूटने वालों की संख्या 9,137 हो गई है। सम्भवतः पूरे देश में यह सबसे अधिक संख्या है।

कालाबाजारी-मुनाफाखोरी को लेकर 91 एफआईआर दर्ज

कालाबाजारी और मुनाफाखोरी करने वालों पर शिकंजा कसते हुए 91 एफआईआर दर्ज करते हुए 129 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, कई जगह डीएम और एसपी ने बहुत तत्परता से काम करते हुए रेट बोर्ड भी लगा दिए गए हैं। लाभार्थियों को राहत देने के लिए जो धनराशि अवमुक्त की गई है, उसे लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए आगे आने वाले दो अवकाशों में भी बैंक खुलेंगे। जिससे कि जो भी लाभार्थी हैं, उन्हें अधिकाधिक सहायता मिल सके।

महिला स्वयं सहायता समूह तैयार करेंगे मास्क

इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के वाॅलंटियर्स एनसीसी व एनएसएस के लोगों को जोड़ने के निर्देश दिए हैं। सभी एनजीओ को भी आगे लाने के निर्देश दिए हैं। आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी में पोस्टल व्यवस्था के अंतर्गत पोस्टमैन आदि का उपयोग करने के भी निर्देश दिए हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से भी मास्क आदि के निर्माण की व्यवस्था करने के निर्देश भी प्राप्त हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिस प्रकार प्रदेश स्तर पर उनकी टीम-11 अच्छा कार्य कर रही है उसी प्रकार हर जनपद में जिलाधिकारी की भी ऐसी टीम-11 होनी चाहिए। जिससे कार्यों को और ज्यादा बेहतर तरीके से आगे बढ़ाते हुए इस महामारी से लड़ा जा सके।

फेक न्यूज को लेकर एफआईआर दर्ज

फेक न्यूज पर भी कार्रवाई की जा रही है। इसमें 9 मामले ट्विटर, 5 मामले फेसबुक, 4 मामले व्हाट्सएप से जुड़े हैं। सूचना विभाग की टीम द्वारा फेक न्यूज पकड़ी गई है। एक अन्य मामले में अयोध्या में एफआईआर दर्ज की गई है, उस पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। आगे भी सोशल मीडिया पर अगर कोई फेक न्यूज की सूचना मिलेगी तो उस पर भी हम कार्रवाई करेंगे। हमारा पूरा प्रयास है कि किसी भी तरह की फेक न्यूज फैलने न पाए।

6.80 लाख भोजन पैकेट का वितरण

इसके साथ ही 2,578 धार्मिक व स्वयंसेवी संगठनों द्वारा कल 6,80,750 फूड पैकेट बांटे गए हैं। जिला प्रशासन के 1,549 केंद्रों में 1,83,000 फूड पैकेट बांटे गए हैं। फूड की शिकायतों का भी त्वरित रूप से निस्तारण कर दिया गया है। निःशुल्क व सशुल्क श्रेणी के राशनकार्डों के माध्यम से राशन का वितरण किया जा रहा है और कल तक करीब पौने दो करोड़ लोगों को राशन का वितरण किया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव, महिला कल्याण को निर्देश दिए हैं कि डोर-टू-डोर डिलीवरी को आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से सुनिश्चित करें और महिलाओं एवं बच्चों को न्यूट्रिशन उपलब्ध करवाएं।

26.88 लाख लीटर दूध का वितरण, घी का होगा वितरण

कोविड कंट्रोल रूम के माध्यम से फल-सब्जी वितरण के लिए 37,893 वाहनों के द्वारा फल-सब्जी का वितरण हो रहा है, जिसमें 12,715 मोटराइज्ड मोबाइल वैन्स, 25,178 ठेला और हाथगाड़ियां हैं। दूध का उपार्जन अब 40 लाख 25 हजार लीटर हो गया है। 26 लाख 88 हजार लीटर दूध का वितरण किया गया है। 17,619 लोग डोर-टू-डोर दूध का वितरण कर रहे हैं। दूध के माध्यम से घी भी बनाया जाएगा, जिसका वितरण महिला बाल विकास विभाग के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों में किया जाएगा।

श्रमिकों को 110 करोड़ से अधिक की धनराशि वितरि

इसके साथ ही अब तक 10.45 लाख श्रमिकों का भुगतान करके 104.59 करोड़ की धनराशि वितरित कर दी गई है। 64,714 अन्य श्रमिकों को 6.47 करोड़ की धनराशि वितरित कर दी गई है।

धर्मगुरुओं के साथ जिलाधिकारी करेंगे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि धर्मगुरुओं व गणमान्य व्यक्तियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में आमंत्रित करें ताकि इस महामारी से लड़ने में उनका भी पूर्ण सहयोग मिल सके। धर्मगुरुओं की सूची बनाई जा रही है। एक-दो दिन के अंदर सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग होगी, जिसमें धर्मगुरु भी उपस्थित रहेंगे। अगले दिन समाज के गणमान्य व्यक्तियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग होगी और उनसे भी चर्चा की जाएगी। क्वारंटाइन केंद्रों पर भोजन, पेयजल, सुरक्षा आदि की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि किसी ‘क्वारंटाइन केंद्र’ से कोई भी व्यक्ति भागता है तो डीएम व एसपी को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है और सम्बंधित पर कार्रवाई भी जा सकती है।

एनेस्थीसिया, गायनेकोलॉजिस्ट और बाल रोग विशेषज्ञों को भी दिया जाएगा प्रशिक्षण

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि एनेस्थीसिया, गायनेकोलॉजिस्ट और बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों को भी कोरोना से बचाव के लिए प्रशिक्षित किया जाए। जिससे जहां भी, जब भी आवश्यकता हो तो उनका उपयोग किया जा सके, साथ ही उन्होंने पीपीई के निर्माण के लिए प्रदेश में अपनी इकाइयों को आगे बढ़ाने के भी निर्देश दिए।

इसके अलावा ‘कोविड केयर फंड’ में प्राप्त धनराशि का प्रयोग, मेडिकल काॅलेजों में टेस्टिंग की व्यवस्था, लेवल 1, 2, 3 के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए किया जाएगा। इस फंड से प्रदेश स्तर पर टेलीमेडिसिन की व्यवस्था भी की जाएगी। ‘कोविड केयर फंड’ आज ही शुरू हो जाएगा और इसमें धनराशि भी आना शुरू हो जाएगी।

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