कोरोना का कहर : जमातियों ने बढ़ाई महामारी तो इन मुख्यमंत्रियों की कार्रवाई पड़ी भारी

-लाकडाउन का उल्लंघन करने वालों ढंग से सबक सिखा रही पुलिस
-एमपी में शिवराज के ट्विट के बाद पुलिस कार्रवाई से काबू में हुए हालात
-भाजपा शासित राज्यों में लाँकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर सख्त हुयी पुलिस
-लाकडाउन की अवधि बढ़ाने वाले पहले सीएम बने नवीन पटनायक

योगेश श्रीवास्तव
लखनऊ। देश इस समय कोरोना जैसी महामारी से दोचार हो रहा है। इस महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप जहां देश के कई राज्य इससे निपटने के लिए जीजान से लगे हुए है। जनता कफ्र्यू के बाद पहली बार हुए लाकडाउन की घोषणा के बाद स्थितियां कुछ काबू में होने को थी लेकिन इसी बीच दिल्ली के तब्लीगी मरकज से निकले जमातियों ने उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में इस महामारी को बढ़ाने और फैलाने में अहमं भूमिका निभाई। राजनीतिक दलों से लेकर आमआवाम तक यह धारणा है कि देश में जिस तेजी से यहां महामारी अपने पांव पसार रही है उसके पीछे बड़़ी भूमिका इन जमातियों की है बावजूद इसके अभी भी लोग मस्जिदों,मदरसों में छुपे हुए है। पुलिस को इन्हे बाहर निकालने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस बारे में उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने ऐसे तत्वों से देश और समाज का दुश्मन बताते हुए इन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने के आदेश दिए है। इस मामलें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सबक लेते हुए भाजपा शासित कई अन्य गैरभाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने जमातियों के खिलाफ सख्ती से पेश आने के आदेश दिए है। पुलिस की सख्ती उत्तर प्रदेश,मध्यप्रदेश हरियाणा,असम के अलावा तेलागांना, और आन्ध्रपदेश में देखनी को मिल रही है।

योगी आदित्यनाथ

सीएए विरोधियों पर कड़ी कार्रवाई कर एक कड़क शासक के रूप में अपनी पहचान बना चुके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तब्लीगी जमातियों के प्रदेश के विभिन्न जिलों में फैल जाने का संज्ञान लेते हुए ऐसे तत्वों को तत्काल ढंूढकर निकालने के साथ उन्हे क्वांरटाइन किए जाने और उनके छिपने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने के आदेश दिए थे। जमातियों द्वारा गाजियाबाद और लखनऊ मे ंचिकित्सकों के साथ अश्लील हरकत और बुराबर्ताव करने वालों के खिलाफ सीएम योगी आदित्यनाथ कड़ी कार्रवाई करने के साथ इन लोगों पर एनएसए के तहत कार्रवाई किए जाने के आदेश दिए। यही नहीं जमातियों को लेकर की गयी टिप्पणी पर प्रयागराज एक व्यक्ति की हत्या किए जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए मृतक के परिजनों को पांच लाख की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषण की। इसी के साथ उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित अन्य जिलों मे लाकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भी सख्ती से पेश आने के जो निर्देश दिए उसका असर देखने को मिल रहा है।देश भर में संकट का सबब बनी कोरोना महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिखा दिया है कि वे दमदार हैं हार नहीं मानते और कड़े वक्त में ताबड़तोड़ बड़े फैसले बिना किसी दबाव में आये ले सकते हैं।

शिवराज सिंह चैहान

मध्य प्रदेश में कोरोना की आहट के बीच हुए सत्ता परिवर्तन में कांग्रेस के बाद जब भाजपा के शिवराज का शासन आया तो लाकडाउन का उल्लंघन करने के साथ ऐसे ेजमातियों की शामत आ गई जो दिल्ली से निकलकर मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में मानवबम बनकर घूम रहे है। इंदौर में जमातियों द्वारा की गयी हरकत के बाद उन्होंने अपने एक टिï्वट में ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश क्या दिया पुलिस ऐसे तत्वों पर कहर बनकर टूट पड़ी जो लाकडाउन का माखौल उड़ा रहे थे। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान का आदेश पाते ही पुलिस मस्जिदों और मदरसों में घुसे जमातियो के साथ उपद्रवियों को ढूंढने में लग गयी। और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई कर रही है। तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके शिवराज सिंह चौहान को इस समस्या से निपटने में कोई दिक्कत नहंी हुयी। मध्यप्रदेश में कोरोना के डेढ़ सौ ज्यादा मामले सामने आए हैं। कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज का नज़़रिया साफ है कि इस बारे में भारत सरकार और प्रदेश सरकार के जो नियम कानून है उसे सबकों फालों करना होगा। उनकी इस मंशा ने तब्लीगी जमातियों की दुश्वारियां बढ़ा दी है।

मनोहर लाल खट्टर

हरियाणा दूसरी बार मुख्यमंत्री बने मनोहर लाल खट्टïर का भी कोरोना को लेकर रवैया काफी सख्त है। उन्होने तो बाकायदा एक आदेश जारी कर स्पष्टï किया कि जो भी कोरोना संक्रमित है यदि अपने बारे में स्वत: आगे आकर जानकारी नहीं देगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मनोहर लाल की छवि एक कड़क शासक के रूप में जानी जाती है। सोशल मीडिया पर जिस तरह के वीडियो वायरल हो रहे है उससे लगता है कि ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने में मुख्यमंत्री का कोई हस्तक्षेप नहीं है। पुलिस ऐसे तत्वों से बखूबी निपट रही है। जो जिस भाषा मे समझ रहा है उसे उसी भाषा में समझाया जा रहा है। यही नहीं मुख्यमंत्री खट्टïर ने इस मामलें कार्रवाई के दौरान बाधक बनने वाले तत्वों के खिलाफ अपराध की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किए जाने के आदेश दिए और इसी के साथ उन्होंने एक काम यह भी किया कि कोरोना पीडि़तों का उपचार करने वाले चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों का वेतन दुगुना किए जाने के निर्देश भी दिए है।

नवीन पटनायक

पांचवी बार उड़ीसा के मुख्यमंत्री बने नवीन पटनायक किसी प्रदेश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री है जिन्होंने कोरोना जैसी महामारी से निपटने की दिशा में आगे और उन्होंने ही सबसे पहले लाकडाउन की अवधि ३० अप्रैल तक बढ़ाने की घोषणा के साथ ही सभी स्कूलों कालेजों को १७जून तक बंद किए जाने के निर्देश दिए। हालांकि नवीन पटनायक इस समय राष्टï्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा नहीं है लेकिन उनकी कार्यशैली काफी हदतक राजग की नीतियों के अनुरूप ही दिख रही है। वे भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री की ही तरह काम कर रहे है। हालांकि उन्होंने जमातियों के खिलाफ उतनी सख्ती नहीं दिखाई उनके प्रति नरम रवैया दिखाते हुए उनसे अपील की कि वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच कराए और लोगों संक्रमित होने से बचाए। वो जनता के हितों के खिलाफ न तो कोई समझौता करते हैं और न ही किसी तरह की राजनीतिक दबाव में आते हैं।

सर्वानन्द सोनोवाल

असम में पहली बार सत्तारूढ़ हुयी भारतीय जनता पार्टी के पहले मुख्यमंत्री सर्वानन्द सोनोवाल जो मुख्यमंत्री बनने से पहले केन्द्र में मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री ने असम की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठियों को साफ संदेश दे दिया था कि असम किसी बाप के जागीर नहीं है कि हर कोई यहां मुंह उठाकर चले आए। देश के अन्य राज्यों की तरह यहां भी कोरोना संक्रमण बढऩे के पीछे सबसे बड़ा कारण तबलीगी जमात के लोगों का यहां पहुंचना है। उन्होंने भी योगी आदित्यनाथ और मनोहर खट्टïर की तरह साफ संदेश दे दिया कि इस मामले में जाित धर्म आदि कुछ नहीं देखा जाएगा जो भी इस मामले में लापरवाही करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। देश भर में संकट का सबब बनी कोरोना महामारी के दौरान असम के मुख्यमंत्री सर्वादानंद सोनोवाल ने दिखा दिया है कि वे दमदार है, हार नहीं मानते और कड़े वक्त में ताबड़तोड़ बड़े फैसले बिना किसी दबाव में आये ले सकते हैं। असम में अपने अब तक के कार्यकाल में कई चुनौतियों का सामना कर चुकेे योगी आदित्यनाथ की छवि अब पूरी तरह से एक कुशल और कड़क छवि वाले मुख्यमंत्री की बन चुकी है।

जगन मोहन रेड्डी

आन्ध्रप्रदेश में युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी के मुखिया जगनमोहन रेड्डïी ने पहली बार वहां की कमान संभाली। उनके पिता राजशेखर रेड्ड्ी भी वहां के मुख्यमंत्री रह चुके है। युवा होने के साथ उनकी छवि एक तेजतर्रार मुख्यमंत्री की है। मौजूदा कोरोना की समस्या को लेकर वे अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तरह काफी गंभीर दिखे। आन्ध्रप्रदेश में कोरोना के ढाई सौ से ज्यादा मामले सामने आने के बाद मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने माना कि तबलीगी जमात के लोगों के कारण यह संक्रमण बढ़ा है। इस बारे में उनका नज़रिया साफ है कि संकट के दौर में जाति-धर्म को किनारे रखा जाना चाहिए। प्रदेश के कई लोग तब्लीगी जमात के आयोजन में शामिल होकर लौटे हैं। आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस के कुल मरीजों की संख्या बढ़कर साढ़े तीन सौ गई है।

के.चन्द्रशेखर राव

तेलागांना राष्टï्र समिति के प्रमुख के.चन्द्रशेखरराव दूसरी बार वहां के मुख्यमंत्री बने है उन्हे ही पृथक तेलागांना राज्य का संस्थापक माना जाता है कभी कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में रहे के.चन्द्रशेखराव ने तेलागांना राज्य की स्थापना के लिए झंडा बुलन्द किया था। मुस्लिम बाहुल्य राज्य क्षेत्र होने के नात यहां भी कोराना संक्रमण के फैलने की आशंका को लेकर उन्होंने शासन और पुलिस प्रशासन को कार्रवाई करने की खुली छूट दे रखी है। सोशल मीडिया पर जो वीडियों वायरल हो रहे है उन्हे देखकर लगता है कि जमातियों के साथ लाकडाउन तोडऩे वालों के खिलाफ वहां पुलिस का रवैया काफी सख्त है। उनकी कार्यशैली में तुष्टïीकरण जैसी कोई बात नहीं दिखती

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