कोरोना का कहर जोरो पर: जानिए भारत में कब चरम पर पहुंचेगी यह महामारी?

चीन के बाद भारत में कोरोना महामारी पैर पसारती जा रही है, लेकिन यह अपने चरम पर कब पहुंचेगी यह बड़ा सवाल है। करीब ढाई माह के वक्त में पहली बार गुरुवार को यह रिपोर्ट जारी की गई बीते दिन देश में कोई भी स्थानीय संक्रमण (लोकल इंफेक्शन) नहीं पाया गया।

संभवता यह इस बात की ओर इशारा है कि चीन में यह महामारी अपने चरम पर पहुंच चुकी है। यह भी तय माना जा रहा है कि चीन में इस वायरस की दूसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि वहां की सरकार ने इसके प्रकोप को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों में अब ढील देनी शुरू कर दी है और लोग धीरे-धीरे वापस सामान्य जीवन पर लौटने लगे हैं।

भारत सरकार के मुताबिक देश में कोरोना वायरस महामारी अपने स्थानीय संक्रमण काल (लोकल ट्रांसमिशन फेज) में है। यह देश में बीमारी उन लोगों में देखने को मिली है जो या तो विदेश घूमकर भारत लौटे हिंदुस्तानियों या फिर संक्रमित विदेशी नागरिकों के संपर्क में रहे हैं।

अभी तक भारत में सामुदायिक संक्रमण (कम्यूनिटी ट्रांसमिशन) नहीं फैला है और उम्मीद है कि अगले दो सप्ताह में कोरोना वायरस का संक्रमण चरम पर पहुंच जाएगा और फिर धीरे-धीरे कम होना शुरू होगा। फिर भी यह एक स्थानीय वायरस के रूप में लंबे वक्त तक रहेगा, जो भविष्य में पुनर्जीवित होकर स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली (हेल्थ केयर सिस्टम) को चुनौती दे सकता है। भारत को लंबी लड़ाई का सामना करने के लिए तैयार होना है, इसकी उम्मीद कम है।

अब बात करते हैं चीन में कोरोना वायरस के चरम पर पहुंचने की तो इस पर वैज्ञानिकों में मतभेद है। वर्ष 2019 के अंत में चीन के वुहान शहर से इस वायरस की शुरुआत हुई। अच्छी बात यह है कि चीन में संक्रमण पहले ही अपने चरम पर पहुंच गया, जबकि बुरी बात यह है कि इस वायरस के चलते दुनिया के सर्वाधिक आबादी वाले देश में मई में 55-60 करोड़ लोग प्रभावित हो जाएंगे।

साइंस जर्नल नेचर में छपी डेविड सारैनॉस्की की विस्तृत रिपोर्ट में, कोरोना वायरस को लेकर गठित एक समिति का नेतृत्व करने वाले चीन के एक चिकित्सक झोंग नैंशन ने 11 फरवरी को कहा कि चीन में कोरोना वायरस फरवरी के अंत तक चरम पर पहुंचेगा।

सेवियर एक्यूट रिस्पेरेटरी सिंड्रोम (SARS) की वजह बने वायरस की खोज करने वाले झोंग ने कहा कि चीन में यात्रा प्रतिबंध लगाने की वजह से हालात सुधरे, लेकिन अन्य शोध बताते हैं कि जैसे ही इन प्रतिबंधों को हटाया जाएगा, संक्रमण बढ़ सकता है।

जापान के सप्पोरो में होक्काइडो यूनिवर्सिटी के एक महामारी विज्ञानी हिरोशी निशिउरा के मुताबिक, चीनी शहरों में लोगों ने पिछले हफ्ते से काम पर लौटना शुरू कर दिया, जो नए संक्रमण की वजह बन सकता है। उन्होंने कहा कि मार्च और मई के अंत तक संक्रमण चरम पर हो सकता है, और अनुमान लगाया गया कि चीन में 55 से 65 करोड़ लोगों के संक्रमित होने का खतरा है, जो देश की आबादी का लगभग 40 फीसदी है।

महामारी विज्ञानियों को डर है कि भारत में कुछ स्थानों पर कोरोना वायरस के मामले सामने आए और फिर ये पूरे देश में फैलते गए।

इस संबंध में भारतीय विज्ञान संस्थान में भारतीय संक्रामक रोग अनुसंधान केंद्र के एसोसिएट प्रोफेसर अमित सिंह कहते हैं, “हमारे पास केवल चीन, इटली, स्पेन और जर्मनी के आंकड़े हैं। शुरुआत में इन देशों में संक्रमण का प्रसार धीमा था। ऐसे मामलों में थोड़ी वृद्धि हुई जब संक्रमित यात्री स्थानीय लोगों के संपर्क में आए। इटली में एक पखवाड़े के भीतर यह मामले कई गुणा बढ़कर सैकड़ों से कई हजारों में पहुंच गए। यह स्थानीय से सामुदायिक प्रसारण की वजह से हुआ था। भारत में सामुदायिक प्रसारण है या नहीं, अभी तक इसका कोई सबूत नहीं है।”

“हमें यह समझने के लिए निगरानी मोड में जाना होगा। दक्षिण कोरिया में उन्होंने समुदाय में जाकर व्यापक परीक्षण किया। लेकिन क्या हमारे पास अभी ऐसा करने के लिए पर्याप्त परीक्षण किट हैं? क्या हमारे पास ऐसे बड़े पैमाने पर परीक्षण करने के लिए अभिकर्मक (Reagents) हैं। हमारे देश की आबादी सघन है और कई ऐसे तबके हैं जिनमें लोग एक-दूसरे के बहुत ज्यादा करीब रहते हैं। यह अनियंत्रित हो, इससे पहले हमें इसे नियंत्रित करने के लिए आक्रामक रूप से तैयार होना होगा।”

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