भक्तों ने लिया श्रीकृष्ण जन्म कथा का आनंद

अमित शुक्ला 
उन्नाव। गंज मुरादाबाद विकास खण्ड के ग्राम ततिया पुरी स्थित बूढ़े बाबा मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस भागवताचार्य पंडित नंदकिशोर शास्त्री ने बावन भगवान एवं कृष्ण जन्म की कथा का विस्तृत वर्णन किया। कृष्ण जन्म के समय प्रस्तुत बधाई और सोहर गीतों पर श्रोता नृत्य करने लगे।
कथावाचक ने कहा कि भगवान स्वयं भक्तों के अधीन है। इसका स्पष्ट उदाहरण राजा बली की कथा में मिलता है। भगवान 52 अंगुल का छोटा रूप धारण कर राजा बलि के राज दरबार पहुंचे और उनसे तीन पग भूमि दान में अर्पित करने का संकल्प ले लिया। राजा बलि ने अंतिम तीसरे पग में स्वयं का शरीर भी नाप दिया। बावन भगवान ने प्रसन्न होकर राजा बलि से वरदान मांगने को कहा। लेकिन राजा बलि ने कहा कि वह भिखारियों से किसी भी वस्तु की मांग नहीं कर सकते हैं। अगर देना ही है तो वह जिस द्वार से निकले उसे परमात्मा के दर्शन हो। अंततः भगवान को राजा बलि के राज दरबार का द्वारपाल बनना पड़ा।
कथा के द्वितीय चरण में शास्त्री ने कृष्ण जन्म की कथा श्रवण करा कर श्रद्धालु भक्तों को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने कहा कि महिला के साथ दुर्व्यवहार करने वाला व्यक्ति वास्तव में नर्कगामी है। राजा कंस ने अपनी बहन देवकी का अपमान किया। इसीलिए उसे भगवान कृष्ण के हाथों पराजित और अपमानित होना पड़ा। पंडित जी ने उपस्थित श्रद्धालु भक्तों से अपने जीवन में सदैव महिला का सम्मान करने की अपील की। कथा समाप्ति के बाद परीक्षित की भूमिका निभा रही बड़का चौधरी एवं उनके पति रामपाल यादव एडवोकेट ने भगवान कृष्ण की आरती कर प्रसाद वितरित किया।

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