लाॅकडाउन में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले बढे, महिला आयोग को यूपी से मिली सबसे अधिक शिकायतेें

कोरोना संक्रमण को दौरान लगे लाॅकडाउन में देश भर में महिलाओं के खिलाफ घरेलू व अन्य हिंसा के मामले बढ गए। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा राज्यसभा में एक सवाल का दिए गए लिखित जवाब मंें कहा गया है कि मार्च 2020 से 20 सितंबर 2020 तक महिलाओं के खिलाफ अपराध के देश भर में 13410 मामले सामने आए हैं।

इन शिकायतों में 1443 शिकायतें महिला आयोग के वाट्सएप नंबर 7217735372 पर दर्ज करायी गई है।

कोरोना के चलते लगाए गए लाॅकडाउन में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय महिला आयोग के पास मार्च 2020 से 20 सितंबर 2020 तक देशभर से 4350 शिकायतें घरेलू हिंसा की आई हैं।

जवाब के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ सबसे अधिक अपराध उत्तरप्रदेश में हुए हैं। उत्तरप्रदेश से अकेेले 5470 शिकायतें मिली हैं। वहीं, दिल्ली से 1697, बिहार से 659, हरियाणा से 731, महाराष्ट्र से 865 व राजस्थान से 572 शिकायतें मिली हैं।

लाॅकडाउन के आरंभ में राष्ट्रीय महिला आयोग ने इलेक्ट्राॅनिक व सोशल मीडिया पर एक कैंपन शुरू किया था, ताकि किसी भी तरह की हिंसा झेल रही महला आगे आकर शिकायत दर्ज करा सकें। साथ ही महिला आयोग ने एक वाट्सएप नंबर जारी किया था ताकि महिलाएं उस पर शिकायत कर सकें।

इन शिकायतों पर आयोग ने पीड़िताओं से संपर्क कर पुलिस व प्रशासन के माध्यम से मदद उपलब्ध करायी।\

लाॅकडाउन में महिला हिंसा बढने की वजह

लाॅकडाउन में जब काम धंधा बंद हो गया तो महिला और पुरुष सदस्य दोनों एक साथ घर में अधिक समय साथ बिताने लगे। अक्सर यह देखने में आया है कि जब परिवार के पुरुष व महिला सदस्य एक साथ साथ होते हैं तो किसी बात पर नोंक-झोंक हो जाती है और यह हिंसा में तब्दील हो जाती है।

इसकी एक दूसरी वजह यह भी है कि लाॅकडाउन की वजह से निम्न मध्यम व गरीब परिवारों को भारी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। जब किसी परिवार में आर्थिक संकट होता है तो टकराव भी बढ जाता है। देश के कई हिस्सों से ऐसी खबरें आयीं कि पैसे की किल्लत के कारण पति-पत्नी में झगड़ा हुआ और वह हिंसा में बदल गया। कई लोगों ने ऐसी वजहों से झगड़ा होने पर आत्महत्या तक कर ली।

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