बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए ड्रेस कोड, महिलाओं को साड़ी और पुरुषों को पहनना होगा धोती-कुर्ता

वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में अब ड्रेस कोड लागू होने जा रहा है। इसके अनुसार यहां के ज्योतिर्लिंग का स्पर्श पाने के लिए पुरुषों को धोती और महिलाओं को साड़ी धारण करके आना होगा। यानी कि ड्रेस कोड लागू होने के बाद पैंट-शर्ट, जींस, सूट, टाई कोट आदि सिला हुआ कपड़ा पहनकर आने वालों को गर्भगृह में प्रवेश तो मिलेगा लेकिन शिवलिंग का स्पर्श नहीं कर सकेंगे। बता दें कि यह व्यवस्था पहले दक्षिण भारत के तमाम मंदिरों में पहले ही लागू है। वहीं मप्र के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में भी ये व्यवस्था लागू है। आइए जानते हैं काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर तय की गई नई व्यवस्था के बारे में…

नई व्यवस्था कब से 
बात करें नई व्यवस्था के लागू होने की, तो यह व्यवस्था मकर संक्रांति के बाद लागू होगी।जानकारी के अनुसार यह व्यवस्था मंगला आरती से लेकर दोपहर की आरती तक प्रतिदिन या व्यवस्था लागू रहेगी।

स्पर्श दर्शन अवधि बढ़ेगी
विद्वत परिषद ने काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग स्पर्श के लिए मध्याह्न भोग आरती से पूर्व तक का समय शास्त्र सम्मत माना है। भक्तों को पूर्वाह्न 11 बजे तक बाबा के स्पर्श का अवसर मिलेगा। मालूम हो कि इस संबंध में रविवार को मंदिर प्रशासन और काशी विद्वत परिषत के विद्वानों की हुई बैठक हुई थी, जिसके बाद ये सभी निर्णय लिए गए।

दर्शन से ये लाभ
काशी विश्वनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में एक है। माना जाता है कि इसके स्पर्श मात्र से राजसूय यज्ञ का फल प्राप्त होता है। एक बार इस मंदिर के दर्शन करने और पवित्र गंगा में स्नान कर लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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