आईपीएस के गले की फांस बना सिपाही पर गैरहाजिर होने का मुकदमा दर्ज कराना 

शहजाद अंसारी
बिजनौर। जनपद बिजनौर के थाना नगीना में तैनात ट्रेनी आईपीएस/थाना प्रभारी निरीक्षक के नाम पर सिपाही द्वारा सटटेबाज से चार देसी मुर्गे मांगने की ऑडियो वायरल होने के मांमले में पूलिस की फजीहत अभी कम नही हुई थी कि ट्रेनी आईपीएस द्वारा ऑडियो प्रकरण को हज़मकर सिपाही पर चुनाव डयूटी में गैरहाजिर होने का मुकदमा दर्ज कराना आईपीएस के गले की फांस बन गया है क्योंकि आरोपी सिपाही के पास तीनों जनपदो की चुनाव डयूटी के समस्त कागजात मौजूद है। इतना ही नही मुकदमे में आईपीएस का खुद वादी बनना भी कई सवाल खडे कर रहा है। वही जनपदभर में चर्चा है कि आईपीएस ने अपनी गर्दन फंसती देख सिपाही को ही बलि का बकरा बना दिया। एडीजी ने इस मांमले में कार्रवाही के लिए एसपी को आदेश दिए है।
जनपद बिजनौर के नगीना थाने में तैनात सिपाही बालिस्टर की एक हफ्ता पूर्व ऑडियो वायरल हुई थी जिसमें सिपाही नगर के सटटेबाज शमासाद से ट्रेनी आईपीएस/थाना प्रभारी निरीक्षक सत्यजीत गुप्ता के लिये चार देसी मुर्गो की डिमांड कर रहा है। सोशल मीडिया में यह मामला आने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की खासी फजीहत हुई। अधिकारियों की फटकार व मीडियों को जवाब देना का आईपीएस साहब को कोई रास्ता नही सूझ रहा था। आईपीएस सत्यजीत गुप्ता ने अपनी साख बचाने के लिए सिपाही पर गाज गिराने का मन बना लिया। आईपीएस ने 10 मई 19 को आरोपी सिपाही बालिस्टर के खिलाफ चुनाव डयूटी में गैरहाजिर होने का मुकदमा अपराध संख्या 0164/19 धारा 29, 134 दर्ज कराया। जबकि सिपाही बालिस्टर बीती 25 अप्रैल को नगीना थाने रवानगी कराने के बाद 29 अप्रैल को जनपद हरदोई, 06 मई को बाराबंकी व 12 मई को आजमगढ में चुनाव डयूटी पर पूरी तरह मुस्तैद रहा है। इतना ही नही सिपाही के पास अपनी डयूटी के समस्त कागजात भी मौजूद है।
सुत्रों की माने तो सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए पहले तो आईपीएस ने थाने के स्टाफ पर दबाव बनाया जब कोई साहब के रोब में नही आया तो मजबूर होकर खुद आईपीएस सत्यजीत गुप्ता को मुकदमे का वादी बनना पडा। सिपाही बालिस्टर के लोकसभा चुनाव के पिछले तीन चरणों में डयूटी पर साबित हो जाने से पूरे उत्तर प्रदेश में आईपीएस सत्यजीत गुप्ता  की और ज्यादा किरकिरी होने लगी है। पूरे जनपद में चर्चा आम है कि आईपीएस सत्यजीत गुप्ता ने अपने को देसी मुर्गो से अलग करते हुए सिपाही को ही बलि का बकरा बनाया है जबकि यह पूरा मामला सटटेबाजों और पुलिस के गठजोड़ का है जिस तरह से ऑडियो में मुर्गो की डिमाड की गई इससे साफ पता चलता है कि सटोरियों और अपराधियों की थाने में कितनी गहरी पैठ है अब चूंकि यह मामला ट्रेनिंग पर आये आईपीएस सेवा के अधिकारी से जुड़ा है तो मामला और भी गंभीर हो जाता है।
उधर एडीजी जोन (बरेली) अविनाश चंद्र ने खबर का संज्ञान लेते हुए एसपी बिजनौर संजीव त्यागी को कार्रवाही के आदेश दिए है। जबकि यह चर्चित प्रकरण बुद्धिजीवियों में सोच का विषय बन चुका है कि आईपीएस सेवा के अधिकारी का यह हाल उत्तर प्रदेश में है तो आम पुलिसकर्मी की तो बात ही क्या है अब देखना यह है कि पुलिस की इतनी किरकिरी होने के बाद शासन क्या कार्रवाही करता है या हर जायज नाजायज मांग पर हुक्म बजाने वाले सिपाही को ही बलि का बकरा बनाकर इतिश्री कर दी जाती है।

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