पहले लवर का कत्ल, फिर उसे छिपाने संजय ने 9 लोगों को उतारा मौत के घाट

वारंगल। तेलंगाना के वारंगल में बीते दिनों एक कुएं से मिली 9 लाशों के मामले की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। आरोपी ने 9 लोगों की मर्डर इसलिए किया ताकि यह पता नहीं चल जाए कि उसने उसकी प्रेमिका की हत्या की है। पुलिस ने आरोपी संजय कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया है। वह बिहार का रहना वाला है।

कुएं से मिले थे 9 शव
दरअसल गोरेकुंटा गांव के कुएं से 9 शव मिले थे। पुलिस ने सोमवार को संजय कुमार यादव को गिरफ्तार किया और उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। वारंगल पुलिस कमिश्नर डॉ. रविंदर ने बताया कि 21 व 22 मई को कुएं से लाशें मिली थी। जांच में संजय का का नाम सामने आया। उसमे अपनी गर्लफ्रेंड रफीका की हत्या को छुपाने के लिए खूनी खेल खेला।

आरोपी का था अवैध संबंध
उन्होंने कहा, जिस कुएं से शव मिले, उसके पास ही बोरे बनाने की फैक्ट्री है। यहां पर प्रवासी श्रमिक रहते हैं। आरोपी संजय कुमार यादव भीं यहीं रहता था। उसके साथ पश्चिम बंगाल का रहने वाला मकसूद पत्नी निशा और परिवार के 6 लोग साथ रहते थे। इनके साथ बिहार के दो और त्रिपुरा का एक युवक भी रहता था। संजय का निशा की भतीजी रफीका के साथ अवैध संबंध थे।

प्रेमिका की बेटी पर थी बुरी नजर
रफीका शादीशुदा थी, उसके तीन बच्चे थे। संजय ने एक कमरा किराए पर ले रखा था, जहां वह रफीका के साथ रहता था। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आरोपी की रफीका की बेटी पर भी बुरी नजर थी। प्रेमिका ने उसे बेटी से दूर रहने और केस दर्ज कराने की धमकी भी दी थी। इसके बाद संजय कुमार यादव ने रफीका की हत्या करने की ठान ली।

ट्रेन पर गला घोटकर फेंका
उसने मकसूद को बताया कि वह रफीका से शादी करना चाहता है। इसके लिए रफीका के घरवालों से बात करने पश्चिम बंगाल जा रहा है। 7 मार्च को संजय और रफीका बंगाल जाने के लिए निकले थे। इस दौरान आरोपी ने प्रेमिका को खाने में नींद की गोली दे दी। बेहोश होने पर गला घोंटा और शव को ट्रेन से फेंक दिया। इसके बाद वह वापस वारंगल आ गया। 

बोरी में बांधकर सबको कुएं में फेंका
मकसूद ने जब संजय से रफीका के बाद में पूछा तो वह कुछ कह नहीं पाया। इसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत करने की चेतावनी दी। इससे संजय यादव डर गया और सबकी हत्या करने की प्लानिंग करने लगा। 20 मई को मकसूद के बड़े बेटे का जन्मदिन था। आरोपी ने नींद की दवा खरीदी और पार्टी के खाने में उसे मिला था। खाना खाने के बाद सब सो गए, तब रात करीब 1 बजे संजय उठा और सभी को बोरों में बांध कर कुएं में फेंक दिया। 

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