-अमर भारती संस्थान के गीतोत्सव कवियों में अपनी रचनाओं पर खूब लूटी वाहवाही

-जीवन का आधार है आनंद, रस और अनुराग: डा. ब्रिजपाल त्यागी
गाजियाबाद । अमर भारती संस्थान के सोमवार को आयोजित गीतोत्सव कार्यक्रम में जहां कवियों में अपनी रचनाओं पर खूब लूटी वाहवाही, वहीं चिकित्सा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए अंतर्राष्टीय ख्याति प्राप्त ईएनटी सर्जन डा. बृजपाल त्यागी को प्रतिभा सम्मान से नवाजा गया।
सिल्वर लाइन प्रेस्टिज स्कूल के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में डा. त्यागी ने कहा कि आज के दौर को मेडिकल साइंस में सिंपैथेटिक सिंड्रोम कहा जाता है। जिसमें अधिकांश युवा तेज आवाज में संगीत सुनने या अल्कोहल लेने के आदी होते जा रहे हैं। सिंपैथेटिक सिंड्रोम हमें बीमारी और पतन की राह पर ले जाता है। मेडिकल साइंस में दूसरा सिस्टम पैरासिंपैथेटिक सिस्टम कहा जाता है। जिसके जीवन में आनंद और रस का ह्रास हो गया उसका किसी न किसी रूप में रोग का मार्ग पकड़ना निश्चित है।ऐसे में गीतोत्सव जैसे कार्यक्रम का आयोजन किया जाना बेहद जरूरी है।
इस  अवसर पर प्रसिद्ध गीतकार श्याम नारायण श्रीवास्तव ने कहा कि यह गाजियाबाद ही नहीं पूरे देश के लिए गौरव की बात है कि चिकित्सा के क्षेत्र में डा. त्यागी और उनकी टीम ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
निसंदेह जेल के भीतर आपरेशन कर डा. त्यागी ने न सिर्फ इतिहास रचा है बल्कि एक नई परंपरा की शुरुआत भी की । कार्यक्रम के अध्यक्ष डा. धनंजय सिंह ने अपने गीत की पंक्तियों कोई उजली भीगी बदली आकर कंधे पर झुक जाए, तो तुम ही कहो वह भीगापन जी लूं या तन मन जलने दूं पर भरपूर तालियां बटोरी। संस्था के अध्यक्ष गोविंद गुलशन के गीत की पंक्तियां ष्झूठ नहीं बोलेगा दर्पण, झूठ नहीं बोलेगा, सच का बैरागी सच के ही आंगन में डोलेगा भी सराही गईं। डा. सीता सागर के गीत मेरे घर से तेरे दर के चार कदम थे बतलाए, पूरी उम्र चले हम तुझ तक पहुंच नहीं पाए। इसके अलावा सुरेंद्र सिंघल, तरुणा डा.वीना मित्तल वी.के. शेखर, आलोक यात्री, सुरेंद्र शर्मा, प्रवीण कुमार शर्मा ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें