गांगुली का BCCI बॉस बनना तय, इस पद पर 65 साल में सबसे अनुभवी क्रिकेटर होंगे “दादा”

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के नए अध्यक्ष के लिए चुनावी प्रक्रिया शुरू हो गई है। सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष पद के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का नाम सबसे आगे है। हालांकि उनका बीसीसीआई का अध्यक्ष बनना लगभग तय है, फिर भी उन्हें आधिकारिक रूप से अध्यक्ष बनने के लिए 23 अक्टूबर का इंतजार करना होगा।

बता दे अध्यक्ष बनने से गांगुली को कम से कम 7 करोड़ का नुकसान हो सकता है। बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर गांगुली का कार्यकाल 10 महीने का होगा क्योंकि उन्हें सितंबर 2020 के बाद कूलिंग ऑफ पीरियड पर जाना होगा।

47 वर्षीय गांगुली फिलहाल कॉमेंट्री भी करते हैं और कमर्शियल विज्ञापनों से भी जुड़े हैं। इसी के चलते उन्हें बीसीसीआई अध्यक्ष बनने से काफी बड़ी रकम का नुकसान होगा। गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया 2003 वर्ल्ड कप में उपविजेता रही थी। उन्हें बेहद आक्रामक कप्तान माना जाता था और वह अपने फैसलों पर अड़िग रहते थे।

माना जा रहा है कि क्रिकेट असोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) के मौजूदा अध्यक्ष गांगुली को बीसीसीआई प्रमुख का पद संभालने से कॉमेंट्री छोड़नी पड़ेगी। इतना ही नहीं, उन्हें मीडिया कॉन्ट्रैक्ट और कमर्शियल करार को भी एक तरफ रखना पड़ेगा। वह बीसीसीआई अध्यक्ष रहते हुए और उसके बाद भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल नहीं रहना होगा। वह कमर्शियल विज्ञापनों के अलावा आईपीएल टीम दिल्ली कैपिटल्स से भी जुड़े हैं।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सदस्य राजीव शुक्ला ने ट्वीट कर कहा, “बीसीसीआई के अधिकांश सदस्यों ने सर्वसम्मति से सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों को बीसीसीआई का नेतृत्व करने के लिए चुना है। इनमें सौरव गांगुली अध्यक्ष के रूप, जय शाह सचिव, अरुण धूमल कोषाध्यक्ष, बृजेश पटेल आईपीएल जीसी, जयेश जॉर्ज संयुक्त सचिव, माहिम वर्मा को वी.पी. के रूप, शामिल है।”

पूर्व भारतीय कप्तान 47 वर्षीय गांगुली फिलहाल कैब (बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन) के अध्यक्ष हैं और यदि वह इस पद पर काबिज हो जाते हैं तो वे भारतीय क्रिकेट इतिहास के दूसरे ऐसे कप्तान बन जाएंगे जिसने भारतीय टीम की कप्तानी के साथ बीसीसीआई के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाली है। खास बात यह है कि उनके अध्यक्ष बनने से पहले उनको बधाईयां मिलना भी शुरू हो गई हैं और तो और बधाई देने वालों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि मुंबई में रविवार रात हुई क्रिकेट बोर्ड की बैठक में गांगुली के नाम पर सहमति बनी है। वहीं, गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह का निविर्रोध सचिव चुने जाने की बात भी सामने आ रही है।

अध्यक्ष बनने के बाद क्या करेंगे गांगुली?

नामांकन भरने के बाद गांगुली ने यहां संवादादताओं से कहा कि पिछले तीन साल के बीसीसीआई में जो खराब हालात थे उन्हें सुधराना और फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों की स्थिति को बेहतर करना उनकी प्राथमिकता होगी। सौरव गांगुली ने कहा कि भारतीय क्रिकेट में हितों का टकराव एक बड़ा मुद्दा है। गांगुली ने कहा कि पद संभालने के बाद वह इस पर ध्यान देंगे। उन्होंने का यह महत्वपूर्ण मुद्दा है और इसे सुलझाना जरूरी है।

खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं

गांगुली ने कहा, ‘अध्यक्ष बनना संतोषजनक है। पिछले तीन साल में जो बीसीसीआई में हालात थे, वो सही नहीं थे. यह जो टीम आई है वो मिलकर काम करेगी और उम्मीद है कि सबकुछ अच्छा रहेगा। यह हमारा दायित्व है कि सभी तरह की चीजें सही तरीके से हों। मेरे लिए हालांकि प्राथमिकता फर्स्ट क्लास क्रिकेट खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया करना होगी. साथ ही कोशिश होगी कि सभी चीजें अपनी जगह पर रहें।’

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