लॉकडाउन के बीच आई अच्छी खबर : 7 साल पहले बिछड़े बेटे को परिवार से मिलाया

छपरा : कोरोना वायरस का संक्रमण पूरे देश में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अब तक सैकड़ों लोगों की जान इस खतरनाक वायरस ने ले ली है। इसी बीच कोरोना की वजह से कई साल पहले लापता हुए एक शख्स को अपने परिवार से मिलने का मौका मिल गया। यह मामला सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा है लेकिन यह पूरी तरह हकीकत है। कोरोना संकट के कारण ही एक युवक अपने परिवार से 7 साल बाद मिला। पूरा मामला छपरा के भेल्दी थाना के पैगा मित्रसेन गांव का है।

7 साल बाद परिवार से मिला बेटा

इस गांव के रहने वाले बाबूलाल दास का पुत्र अजय कुमार उर्फ विवेक दास सात साल पहले अचानक ही लापता हो गया। परिजनों ने अजय की बहुत तलाश की लेकिन उसका कोई पता नहीं मिला जब दो-तीन साल बाद वह घर नहीं लौटा तो घरवालों ने ये मान लिया अजय अब इस दुनिया में नहीं है। फिर उन्होंने उसकी तलाश बंद कर दी लेकिन मां-बाप को उम्मीद थी कि हो सकता है एक दिन उनका बेटा वापस आ जाए। 

यूपी की जेल में बंद था युवक, कोर्ट ने पैरोल पर किया रिहा
सोमवार की सुबह उत्तर प्रदेश पुलिस एक युवक को लेकर भेल्दी थाना पहुंची और उसे अजय कुमार उर्फ विवेक दास बता कर उसके बारे में पूछताछ शुरू की। भेल्दी थानाध्यक्ष विकास कुमार की ओर से मिली जानकारी के आधार पर यूपी पुलिस अजय को लेकर पैगा मित्रसेन गांव पहुंची। सुबह-सुबह गांव में पुलिस को देखते ही हड़कंप मच गया हालांकि बाबूलाल दास के परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यूपी पुलिस ने बताया कि घर से गायब होने के बाद अजय भटकते हुए यूपी के बाराबंकी चला गया था और वहां एक आपराधिक मामले में जेल चला गया और सजा काट रहा था। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कोर्ट ने कुछ कैदियों को पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया जिसमें अजय कुमार दास का भी नाम भी शामिल था। 

कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोर्ट ने लिया फैसला
अजय कुमार से मिली जानकारी के आधार पर यूपी पुलिस उसे लेकर लेकर पैगा मित्रसेन गांव पहुंची और अजय को जिम्मेनामा पर उसके परिवार को सुपुर्द कर दिया। अजय को वापस पाकर इस घर में खुशियां लौट आई हैं। गांव वाले कह रहे कि अगर कोरोना नहीं आता तो शायद अजय कभी वापस नहीं लौटता क्योंकि उसकी जमानत कराने वाला बाराबंकी में कोई नहीं था और उसके बारे में घरवालों को भी कोई जानकारी नहीं थी।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें