कोरोना की देसी वैक्‍सीन पर आई एक साथ दो-दो अच्छी खबर, जानें लेटेस्‍ट अपडेट

कोरोना वायरस की वैक्‍सीन पर भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। ICMR-भारत बायोटेक की Covaxin का ओडिशा के भुवनेश्‍वर में भी ट्रायल शुरू हो चुका है। कोवैक्सिन कुछ चयनित लोगों को लगाई गई जो इस महत्वपूर्ण परीक्षण का हिस्सा बनने के लिये खुद आगे आए थे। उन्होंने कहा कि जिन्हें टीका लगाया गया, उन सभी को निगरानी में रखा गया है और वे सभी ”बिल्कुल ठीक” हैं। वहीं, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) बीसीजी टीके का तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल कर रहा है। बायोटेक्‍नोलॉजी डिपार्टमेंट (DBT) के मुताबिक, करीब छह हजार स्वास्थ्य कर्मी और अधिक खतरे का सामना कर रहे लोगों ने ट्रायल के लिए रजिस्‍ट्रेशन कराया है।

कोरोना के खिलाफ इम्‍यूनिटी बढ़ा सकती है RBCG?

कोरोना वायरस से सबसे अधिक खतरे का सामना कर रहे अधिक उम्र के लोगों, अन्य जटिल बीमारियों से जूझ रहे मरीजों और चिकित्सा कर्मियों में संक्रमण और उसके दुष्प्रभाव को कम करने में BCG Vaccine VPM1002 के प्रभाव को परखने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण कर रहा है। इस परीक्षण में यह पता लगाया जाएगा कि क्या कोरोना वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में बैकिलस-कालमेट्टे-गुयिरिन- (आरबीसीजी) कारगर है या नहीं।

BCG वैक्‍सीन कई बीमारियों के इलाज में होती है यूज

क्षय रोग से बचाने के लिए सभी नवजात शिशुओं को राष्ट्रीय बाल टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बीसीजी का टीका दिया जाता है। क्षय रोग बैक्टीरिया से होता है और इससे सबसे अधिक फेफड़े प्रभावित होते हैं। डीपीटी की सचिव और बीआईआरएससी की अध्यक्ष रेणु स्वरूप ने कहा कि बीजीसी प्रमाणित टीका है और क्षय रोग के अलावा अन्य बीमारियों के इलाज में इसका मूल्यांकन एक व्यावहारिक दृष्टिकोण है।

भुवनेश्‍वर में प्रोटोकॉल के तहत शुरू हुआ ट्रायल

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा चयनित 12 केंद्रों में से एक आयुर्विज्ञान संस्थान और एसयूएम अस्पताल में बहुप्रतीक्षित BBV152 कोविड-19 टीके या कोवैक्सिन का परीक्षण शुरू हो गया है। संस्थान के एक अधिकारी ने बताया कि पहले और दूसरे चरण की प्रक्रिया के लिए इन 12 केंद्रों का चयन किया गया है। परीक्षण प्रक्रिया के प्रधान अनुसंधानकर्ता डॉ. ई वेंकट राव ने कहा कि टीका लगवाने के लिये आगे आए स्वयंसेवकों को कड़ी जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ा और उन्हें भारत के औषधि महानियंत्रण (डीसीजीआई) द्वारा तय प्रोटोकॉल का पालन करते हुए यह टीके लगाए गए।

ट्रायल के लिए लोगों में दिख रहा खासा उत्‍साह

राव ने कहा कि चुने गए स्वयंसेवकों को 14 दिन के अंतराल में दो खुराक दी जाएंगी। अस्पताल में सामुदायिक चिकित्सा विभाग में प्रोफेसर राव ने कहा कि परीक्षण के लिए सामने आए लोगों के बीच खासा उत्साह देखने को मिला। उन्होंने कहा कि लोगों से मिलने वाली प्रतिक्रिया काफी उत्साहजनक है। अब भी कई लोग परीक्षण का हिस्सा बनने के लिए सामने आ रहे हैं।

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