GSTR-1: 10 जनवरी तक नहीं भरी रिटर्न तो देना पड़ेगा भारी जुर्माना

माल एवं सेवा कर लागू होने के बाद से अब तक जीएसटीआर-1 (GSTR-1) नहीं भरने वालों को राहत का सिलसिला जारी है. जीएसटी काउंसिल (GST Council) ने रिटर्न भरने का कारोबारियों को एक और मौका दिया है. नए आदेशों के तहत 10 जनवरी तक रिटर्न दाखिल करने पर कोई पैनल्टी नहीं लगेगी.

जीएसटी विभाग (GST Department) ने रिटर्न नहीं दाखिल करने वाले कारोबारियों की सूची तैयार की है. इन पर 10 जनवरी के बाद नोटिस भेजने और छापेमारी की प्रक्रिया में तेजी लाने की संभावना भी है. जीएसटी में सभी करदाताओं को प्रतिमाह रिटर्न फाइल करना होता है.। तकनीकी रूप से उसे जीएसटीआर-1 कहा जाता है. 

विभागीय जांच में यह पता चला कि हजारों की संख्या में व्यवसायी रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे हैं. इससे खरीददार करदाता को इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने में परेशानी होती है. 1 जुलाई, 2017 से लेकर अक्टूबर, 2019 तक के लंबित रिटर्न वाले कारोबारी इसका लाभ उठा सकते हैं. उसके बाद लगातार दो माह तक रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले व्यवसायियों की ई-वे बिल की सुविधा बंद की जा रही है. प्रदेश मुख्यालय से नए आदेशों की जानकारी कर संगठनों को भेजी जा रही है.

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के मुताबिक, सभी करदाताओं को जुलाई 2017 से नवंबर 2019 तक लंबित सभी फार्म GSTR-1 10 जनवरी 2020 तक जमा करने पर कोई विलंब शुल्क नहीं लगेगा. अगर सारे पेंडिंग रिटर्न्स 10 जनवरी 2020 तक फाइल कर दिए जाएंगे तो लेट फीस यानी जुर्माना नहीं लगेगा, लेकिन उसके बाद फाइल करेंगे तो भारी जुर्माना लगेगा. 11 जनवरी, 2020 से ऐसे करदाता जिन्होंने अपने जीएसटीआर-1 फाइल नहीं किए हैं वे ई-वे बिल भी जनरेट नहीं कर सकेंगे.

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