किसानों के लिए मुसीबत बने छुट्टा पशु, मदद की आस

– छुट्टा पशुओं के लिए खडेसरी में बनाएंगे आश्रय स्थल : आलोक गुप्ता  
चित्र परिचय : आलोक गुप्ता (फोटो नम्बर-5)गोरखपुर। किसानों के लिए छुट्टा पशु मुसीबत बने हुए हैं। फसल बुआई के बाद छुट्टा पशु झुंड बना कर खेतों में घुस जा रहे हैं और किसानों की गाढी कमाई को बर्बाद कर दे रहे हैं। जिससे किसानों की गाढी पूंजी तो डूब ही रही है उनके समक्ष खाने का भी संकट उत्पन्न हो रहा है। किसानों को छुट्टा पशुओं से निजात दिलाने के लिए मानव शिक्षा सेवा संस्था के प्रबंधक व समाजसेवी आलोक गुप्ता ने खडेसरी में पशु आश्रय बनवाने की घोषणा की है।   

दियारा क्षेत्र में जंगली जानवरों तथा आबादी क्षेत्र में छुट्टा पशुओं का आतंक चरम पर है। फसल बुआई के बाद जंगली तथा छुट्टा पशु झुंड बना कर खेतों में बोई फसलों को चर लेते हैं। नेवादा, मजुरी, चैनपुर टाडा, फरसाड, सिधुआपार, कुरांव, लक्ष्मीपुर संसारपार, मरवट, बुढनपुरा, नरहरपुर, खडेसरी, दुबौली, कोहडाभावर सहित अन्य गांवों में पशु पालकों द्वारा छोडे गए अनुपयोगी पशु आतंक मचाए हुए हैं। पशुओं से फसलों की सुरक्षा के लिए किसानों को मचान बना कर खेतों की रखवाली करनी पड रही है। बावजूद पशुओं द्वारा फसलें बर्बाद कर दी जा रही हैं। किसानों की पीडा व समस्या को देखते हुए मानव शिक्षा सेवा संस्था के प्रबंधक आलोक गुप्ता ने स्वयं की जमीन पर छुट्टा पशुओं के लिए आश्रय बनवाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहाकि सरकार द्वारा नगर पंचायत व ग्राम स्तर पर कान्हा गोशाला का निर्माण कराया गया है लेकिन वहां सीमित क्षमता में ही पशुओं को रखा जा सकता है। ऐसे में उनके द्वारा खडेसरी गांव में पशु आश्रय बनवाया जाएगा। जहां क्षेत्र के पशुपालक व किसान अपने अनुपयोगी पशुओं को यहां छोड सकते हैं। उन्होंने बताया कि आश्रय में पशुओं के रखरखाव व चारे का पर्याप्त प्रबंध किया जाएगा। जिससे किसानों को समस्या से निजात मिल सकेगी।

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