मोदी सरकार के मुफ्त राशन योजना का नहीं मिल रहा लाभ, तो इस नंबर पर फ़ौरन करें कॉल

 मोदी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत मात्र 2.51 करोड़ प्रवासी मजदूरों को ही अनाज वितरित किया है, उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्रालय की मानें तो अनाज कम वितरण बताता है कि प्रवासी मजदूरों की वास्तविक संख्या काफी कम थी, लॉकडाउन के बाद से ही मोदी सरकार बिना राशन कार्ड वालों को मुफ्त राशन देती आ रही है, इसी योजना से केन्द्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत योजना की शुरुआत की, लेकिन लोगों को इस योजना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। हालांकि कुछ लोगों ने आवेदन के बावजूद राशन ना मिलने की बात कही है, आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत उन प्रवासियों को मुफ्त राशन मिलना है, जिनका देश में कहीं भी राशन कार्ड नहीं है, इसके तहत प्रत्येक परिवार को हर महीने 5 किलो चावल या गेहूं और एक किलो चना दिया जाना है।

लॉकडाउन के दौरान शुरु की गई थी योजना
लॉकडाउन के दौरान ही पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार को मंजूरी दी थी, मोदी सरकार ने पिछले दिनों ही इसके तहत 81 करोड़ से ज्यादा लोगों को नवंबर 2020 तक मुफ्त में अनाज देने का ऐलान किया था, साथ ही इस योजना में उन लोगों को भी अनाज दिया जा रहा है, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। इस योजना का लाभ उठाने वालों के पास आधार कार्ड होना जरुरी है।

मुफ्त राशन नहीं देने पर सख्त कार्रवाई
अगर किसी को मुफ्त में अनाज नहीं मिल पा रहा है, तो वो अपनी शिकायत संबंधित जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक कार्यालय में या फिर राज्य उपभोक्ता सहायता केन्द्र पर कर सकते हैं, इसके लिये सरकार ने टोल फ्री नंबर 1800-180-2087, 1800-212-5512 और 1967 पर जारी किया है, इन नंबरों पर उपभोक्ता अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इसके साथ ही कई राज्यों ने भी अलग से हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।

पीएम ने किया था ऐलान
आपको बता दें कि पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में कहा था, कि गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश के सभी गरीब परिवारों को जिनके पास भी राशन कार्ड है या नहीं है, सभी को 5 किलो गेहूं या चावल तथा 1 किलो दाल मुफ्त में दिये जाएंगे, शुरुआत में इसकी अवधि 30 जून तक निर्धारित की गई थी, जिसे बाद में नवंबर 2020 तक बढा दी गई है, हालांकि कुछ गरीब मजदूर अनाज नहीं मिलने की शिकायत कर रहे हैं।

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