एक ही परिवार में पति, पत्नी व पुत्र ने विषाक्त पदार्थ खाकर दी जान, सुसाइड नोट में इस तरह व्यक्त की अन्तिम इच्छा

झांसी । कस्बा व थाना चिरगांव के एक मोहल्ले में शुक्रवार को एक ही परिवार के तीन लोगों ने विषाक्त पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। पति, पत्नी व बेटे की मौत से पूरे क्षेत्र में मातम छा गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतकों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। इसमें मौत का कारण बेटी के जाने का गम बताया गया है। साथ ही अन्तिम इच्छा के रुप में तीनों की चिता एक साथ जलाने की बात भी बताई गई।

शुक्रवार को चिरगांव थाना क्षेत्र निवासी अरविंद पांडे (42), पत्नी रेखा (40) और पुत्र नैतिक पांडे उर्फ छोटू (10) ने सामूहिक रूप से कोई विषैला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस को वहां से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ। जिसके अनुसार करीब तीन महीने पहले अपनी बेटी नैंसी पांडे की अकस्मात मौत से पूरा परिवार गहरे अवसाद में था। नैंनी पेपर देने जा रही थी और उससे पहले उसे उल्टी हुई और वह खत्म हो गयी। नैंसी की मौत विषाक्त खाने के चलते बताई गई थी। नैंसी की मौत के बाद से पूरा परिवार गहरे दुःख में था और इसी अवसाद की स्थिति में आज तीनों ने मिलकर आत्महत्या कर ली। अरविंद और रेखा की तो मौके पर मौत हो गयी थी। लेकिन बेटा छोटू उर्फ नैतिक यह बताने के लिए अपने ताऊ के पास जा पहुंचा था। जिसे उपचार के लिए ले जाया गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और उसकी भी मौत हो गई।

इस सम्बंध में जानकारी देते हुए एसपी ग्रामीण राहुल मिठास ने बताया कि तीन महीने पूर्व 17 वर्षीय बेटी की मौत के गम में पूरे परिवार ने विषाक्त खाकर आत्महत्या कर ली है। ऐसा सुसाइड नोट में लिखा है। तीनों शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। आगे की कार्रवाई इसके बाद की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि पति व पत्नी की मौत घटना स्थल पर ही हो गई थी। किन्तु बेटे की मौत उपचार को ले जाते समय हुई है।

किसान सेवा केन्द्र से डीजल पेट्रोल बेचने का था लाइसेंस
अरविन्द के नाम किसान सेवा केन्द्र का लाइसेंस था। इस पर वह डीजल पेट्रोल बेच सकता था। हालांकि कुछ समय पूर्व उन्होंने यह लाइसेंस किसी को बेच दिया था। यह भी बताया जा रहा था कि इस परिवार की आर्थिक स्थितियां भी ठीक नहीं थी।

सुसाइड नोट में इस तरह व्यक्त की अन्तिम इच्छा
सुसाइड नोट में यह बताया गया है कि इस पूरे घटनाक्रम में किसी का कोई दोष नहीं है। हम लोग स्वयं बेटी के गम में आत्महत्या कर रहे हैं। हमारी अन्तिम इच्छा है कि हम तीनों की चिताएं एक साथ लगाई जाएं। वहीं पत्नी ने अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए अस्थियां ओरछा स्थित वेतवा में विसर्जित करने को कहा। जबकि त्रयोदशी पर गायत्री य़ज्ञ करते हुए कन्या भोज कराने की भी इच्छा जताई है। साथ ही पति और पत्नी दोनों के हस्ताक्षर भी हैं।

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