चीन में फैले कोरोना वायरस को लेकर अब भारत भी सतर्क, जानिए इसके लक्षण और इसका इलाज

चीन में हाहाकार मचा हुआ है, कारण है एक खतरनाक वायरस “कोरोना।” चीन में इस वायरस ने अब तक 25 लोगों की जान ले ली है और करीब 800 से अधिक लोग इसकी चपेट में हैं।

दरअसल, चीन के वुहान प्रांत में सबसे पहले Severe acute respiratory syndrome (SARS) वायरस जैसे रहस्यमयी कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था। अभी तक इस वायरस का का कोई उपचार मौजूद नहीं है।

चीन के पेकिंग यूनिवर्सिटी हेल्थ साइंस सेंटर के शोधकर्ताओं के अनुसार, नए प्रकार के कोरोना वायरस सांप में मिले हैं और अब इनसे इंसानों में पहुंचने का अंदेशा है। जबकि चीनी अकादमी ऑफ साइंसेज की ओर से कराए गए एक दूसरे अध्ययन का दावा है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चमगादड़ या सांप से हो सकती है।

नए वायरस के जेनेटिक कोड के विश्लेषण से यह पता चलता है कि यह मानवों को संक्रमित करने की क्षमता रखने वाले अन्य कोरोना वायरस की तुलना में ‘सार्स’ के अधिक निकटवर्ती है। सार्स नाम के कोरोना वायरस को काफ़ी ख़तरनाक माना जाता है। सार्स के कारण चीन में साल 2002 में 8,098 लोग संक्रमित हुए थे और उनमें से 774 लोगों की मौत हो गई थी।

पिछले दिनों वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से करॉन वायरस के संबंध में लोगों को सूचित किया गया था कि यह वायरस जानवरों से संबंधित है और मीट के होल सेल मार्केट, पोल्ट्री फर्म, सांप, चमगादड़ या फर्म जानवर के जरिए मनुष्यों में आया है।

WHO के मुताबिक कोरोना वायरस ( CoV ) एक जूनोटिक है। इसका मतलब है कि यह 2019-nCoV के जरिए जानवरों से मानव में फैला है। माना जा रहा है कि 2019-nCoV सीफूड खाने से फैला था। लेकिन अब कोरोना वायरस इंसानों में भी में फैल रहा है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फ़ैल रहा है, यानी कि अब कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से एक स्वस्थ व्यक्ति भी इसका शिकार हो सकता है। खांसी, छींक या हाथ मिलाना जोखिम का कारण बन सकता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के छूने और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी वायरस का संक्रमण हो सकता है।

सांस लेने में परेशानी का कारण बनने वाला यह वायरस चीन के कई शहरों को अपनी चपेट में लेने के बाद अमेरिका तक पहुंच गया है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बुधवार तक कोरोना वायरस संक्रमण के 571 मामलों की पुष्टि की। लेकिन इंपीरियल कॉलेज लंदन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अकेले वुहान में वायरस संक्रमण के करीब चार हजार मामले होने का अनुमान है।

चीन के 20 प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों में कुल 1072 संदिग्ध मामले सामने आए हैं। चीन ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कदम उठाते हुए बृहस्पतिवार को वुहान सहित पांच शहरों को सील कर दिया था।

प्रोफेसर वूलहाउस का कहना है कि जनसंख्या और घनत्व के कारण चीन के लोग जानवरों के संपर्क में जल्दी आ जाते हैं। इस कारण यह वायरस चीन में सबसे पहले फैला।

चीनी नववर्ष के पहले सड़कों पर भीड़भाड़ बढ़ने के मद्देनजर गाड़ियों, ट्रेनों और विमानों समेत आवागमन के विभिन्न माध्यमों को रोक दिया गया है। कोरोना वायरस की रोकथाम के प्रयास में भारत समेत लगभग पूरी दुनिया के एयरपोर्ट पर चीन से आने वाले यात्रियों की जांच की जा रही है।

आज कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर के सभी देश परेशान हैं। यह वायरस भले ही चीन से शुरू हुआ हो लेकिन सी-फूड और ह्यूमन टु ह्यूमन ट्रांसफर के चलते यह रोग अलग-अलग देशों के कई लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। अभी तक इस वायरस का कोई पुख्ता इलाज नहीं मिल सका है। कोरिया, जापान सऊदी अरब और अमेरिका तक इसके फैलने की खबर आई है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस संदर्भ में आपात बैठक बुलाई थी। इस बैठक में डब्ल्यूएचओ यह फैसला लेने वाला था कि कोरोना वायरस से फैल रही बीमारी को अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपात काल घोषित करने की आवश्यकता है या नहीं। जिस तरह से ये वायरस बढ़ रहा है उससे तो यही अंदाजा लगाया जा सकता है यह महामारी से कम नहीं है और जल्द से जल्द इसे रोकने के लिए एंटीडोट्स खोजने की आवश्यकता है। अगर इस ओर कदम नहीं उठाया गया तो विश्व भर में यह वायरस फैल जाएगा और चारो तरफ मौत का तांडव होना शुरू हो जाएगा।

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