क्या उन्नाव में पीड़िता को ही जिंदा जला देने जैसी वारदात के इंतजार में है बाबूपुरवा पुलिस!

◆ दैनिक भास्कर की “खबर का असर”, अफसरों के आदेश पर बाबूपुरवा पुलिस ने पीड़ित युवती के कोर्ट में कराये बयान
◆ लेकिन थाना पुलिस लापरवाही से नहीं आई बाज, एक भी आरोपी को अब तक नहीं किया गिरफ्तार
◆ पुलिस की अनदेखी से युवती को सरेराह रोककर छेड़छाड़ करने, बलात्कार व हत्या की धमकी देने वाले आरोपियों का हौसला बुलंद
◆ पीड़िता व बीमार पिता को लगातार दे रहे धमकियां, घर से निकलना किया दूभर

कानपुर। युवती को सरेराह रोककर छेड़छाड़, अपहरण, बलात्कार और हत्या की धमकी देने गुंडो पर एफआईआर के 75 दिन बाद भी कार्रवाई नहीं करने वाली बाबूपुरवा पुलिस की लापरवाही को दैनिक भाष्कर ने उजागर किया। इसके तुरंत बाद, पीड़िता को बड़ी राहत मिली है। अधिकारियों के आदेश के बाद आखिरकार बाबूपुरवा पुलिस ने कोर्ट में पीड़िता सबा खातून के 164 सीआरपीसी के बयान करवा दिये हैं। लेकिन इतने के बावजूद पुलिस पूरी तरह से अपनी कारगुजारी से बाज नहीं आई। बयान दर्ज करवाने के तीन दिन बाद भी आरोपियों में से एक को भी पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है। आरोप है कि पुलिस की लापरवाही आरोपियों के हौसले बढ़ा रही है। डर है कि पुलिस द्वारा युवती से सरेआम बदसलूकी करके धमकी देने गुडों द्वारा उन्नाव में युवती को कंपलेंट करने पर जिंदा जला देने जैसी कोई भयावह घटना ना हो जाये, जिससे हाल में पूरा देश दहल गया था।

पीड़िता सबा खातून और उसके बीमार हृदय रोगी पिता अब्दुल मजीद का आरोप है कि बाबूपुरवा पुलिस के नकारेपन व लापरवाही के कारण आरोपी युुवकों जीशान और शमीम सहित उनके कई साथी लगातार पूरे परिवार को डरा-धमका रहे हैं। ये गुंडे इतने बेखौफ हो गये हैं कि शिकायत करने वाली युवती सबा या उसके पिता के घर से निकलते ही उनका पीछा करने लगते हैं। घर के बाहर ही बाइकों से खड़े होकर अभद्रता और छींटाकशी करते हैं। पीड़िता सबा का आरोप है कि बाबूपुरवा पुलिस की अनदेखी के कारण गुंडों की अराजकता बढ़ती जा रही है। रात को भी इलाके में ही रहने वाले इन आरोपियों को घर के आसपास संदिग्धावस्था में घूमते देखा जा सकता है। पीड़िता के अनुसार आरोपियों के खौफ और कार्रवाई नहीं होने की चिंता में बीमार पिता की तबीयत बिगड़ती जा रही है। मां पहले ही नहीं रही, पुलिस की अनदेखी के कारण पिता को कुछ हो गया तो वो और उसका भाई अनाथ हो जायेंगे।
 
बाबूपुरवा के ढकनापुरवा इलाके में रहने वाली सबा के अनुसार बीच सड़क उसको रोककर शारीरिक छेड़छाड़ करने वाले इलाके के ही जीशान और शमीम नाम के गुंउों को गिरफ्तार नहीं किये जाने से हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वो दोनों कई बाहरी युवकों के साथ उसपर दबाव बनाने के लिये उसके घर के आसपास ही मंउराते रहते हैं। उसका और परिजनों का लगातार कहीं आते-जाते पीछा करते हैं। रास्ते में और घर बाहर खड़े होकर फब्तियां कसते हैं, धमकियां देते हैं।  सबा के अनुसार उसको डर है कि पुलिस की शह पाकर ये आरोपी उसके साथ कभी भी कोई बड़ी वारदात कर सकते हैं। इलाकाई लोगों के माध्यम से उनके खिलाफ पुलिस कंप्लेंट वापस लेने का दबाव बनवाते हैं। चिल्ला-चिल्लाकर क्षेत्रीय पुलिस को ‘मैनेज कर लेने की बात सुनाते हैं। इससे पूरे परिवार में खौफ है। वो जल्द पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के पास उपस्थित होगी। जरूरत पड़ने पर मुख्यमंत्री कार्यालय तक जायेगी।

जानकारों का कहना है कि पुलिस केस को यूं ही हल्के में निपटाने में लगी है। आरोपियों पर 354-क, 341, 504, 506 जैसी हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिनमें 7 साल से कम की सजा है। ऐसे में आरोपियों को बिना गिरफ्तार किये पहले चार्जशीट लगाकर, बाद में आराम से जमानत करवाने दी जायेगी। गिरफ्तारी या थाने लेकर आने, आरोपियों को पकड़कर और उनके परिजनों को कम से कम वार्निंग देने से उनके हौसले पस्त होते। लेकिन बाबूपुरवा पुलिस ने ऐसा कुछ नहीं किया। एक बार पूछताछ तक नहीं की। ऐसे में आरोपी कोई बड़ी को अंजाम दे सकते हैं। ये हाल तब है जब केंद्र से लेकर प्रदेश की योगी सरकार तक ने महिला सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देने को कहा है।
बता दें के घटना के मूल में पीड़िता के डेढ़ सौ गज के मकान पर कब्जे के प्रयास का मामला है।
थाना पुलिस के एसे रवैये के बावजूद शीर्ष पुलिस अधिकारी शीघ्र पीड़िता की मदद और ठोस कार्रवाई का आश्वासन दे रहे हैं।

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