इलाज के बाद कानून की मार के लिए तैयार रहो कनिका, अब चलेगा CM योगी का हंटर…

चीन में उतपन्न वुहान वायरस ने विश्व भर में तांडव मचाया हुआ है। इस महामारी से अभी तक ढाई लाख से ज़्यादा लोग संक्रमित हुए हैं, और लगभग ढाई हज़ार लोग मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं। परन्तु इसके पीछे कारण क्या है? इसके पीछे एक प्रमुख कारण है भारत में कोरिया के 31वें मरीज की तरह कनिका कपूर की बड़ी लापरवाही की , जो भारत को वुहान वायरस के तीसरे स्टेज पर लाती दिखाई दे रही है।

‘बेबी डॉल’ फेम गायिका कनिका कपूर को वुहान वायरस के लक्षण होने के बावजूद कई पार्टियों में हिस्सा लेने के लिए आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है। कनिका ने न केवल अपनी ट्रैवल हिस्ट्री छुपाई, अपितु अपने हठ के कारण दूसरों की जान भी खतरे में डाल चुकी हैं।

कनिका कपूर जिस पार्टी का हिस्सा बनी थी, उसमें राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, उनके पुत्र दुष्यंत, उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह समेत कई अहम हस्ती मौजूद थे। लखनउ और कानपुर में कई लोगों की जान जोखिम में डालने के कारण यूपी पुलिस ने उनके विरुद्ध 4 एफआईआर स्वीकृत की है।

अब सवाल उठता है कि आखिर कनिका कपूर जैसे लोग अपने आप को कानून से ऊपर क्यों समझते हैं? बता दें कि 41 वर्षीय गायिका ने लंदन की यात्रा की और वह 15 मार्च को वापस लौटीं। उन्होंने एयरपोर्ट अधिकारियों से फ्लू की बात छुपाई, एयरपोर्ट पर भी जांच से बच निकलीं और घर आकर उन्होंने एक शानदार 5 सितारा पार्टी दी थी।

कनिका कपूरा का कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उनके मुहल्ले में खौफ का माहौल है। कनिका जिस अपार्टमेंट में रहती हैं उसे कोरेंटाइन कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि मेहमानों और उनके रिश्तेदारों का भी जल्द ही टेस्ट कराया जाएगा। अब जरा सोचिए कि इन्हें चंद पैसों की लालच में महामारी के वक्त विदेश जाने की क्या जरुरत थी? अगर विदेश यात्रा इन्होंने किया तो वापस लौटकर मेडिकल टेस्ट करवाना चाहिए था। जिससे कि अन्य लोग संक्रमित न हों। अब तो इनके रिश्तेदारों और करीबियों के टेस्ट के बाद ही पता चलेगा कि इन्होंने कितने लोगों को शिकार बनाया।

अभी भी अधिकतर केस विदेशी सैलानियों के ही आ रहे, या फिर उनके, जो हाल फिलहाल विदेश में रहे हो। ये ना सिर्फ धनवान है, बल्कि भारत में कई लोगों से ज़्यादा शिक्षित भी। ऐसे में इनसे संयम और ज़िम्मेदारी की आशा की जा रही थी, परन्तु वे इसके ठीक उल्ट व्यवहार कर रहे हैं।

उदाहरण के लिए एक दंपति हाल ही में जब दुबई से वापिस आया, तो उन्हें होम क्वारांटिन करने की सलाह दी गई। परन्तु उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया और फिर उन्हें एम्बुलेंस में उठाके पुलिस की निगरानी में ले जाना पड़ा।

इससे पहले यूपी सरकार ने स्पष्ट किया था कि जांच में असहयोग करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध ना केवल एक्शन लिया जाएगा, अपितु उन्हें लोगों कर जान खतरे में डालने के लिए कारावास भी झेलना पड़ेगा।

लंबे समय तक इंक्यूबेशन अवधि के कारण, एक संक्रमित रोगी कई बार नकारात्मक परीक्षण कर सकता है, ये भूटान के एक हालिया मामले से स्पष्ट है। लेकिन एक ही समय में ऐसे मरीज़ नकारात्मक परीक्षण के बावजूद वायरस को फैला सकते हैं – कुछ ऐसा जो चीन में वुहान महिला के उत्सुक मामले के साथ आगे बढ़ता है।

कोरोनावायरस बहुत घातक नहीं है, परन्तु जंगल की आग की तरह फैलता है। हमारे पास अभी भी कनिका जैसे बहुत से ‘रोगी 31’ जैसे कोरोनोवायरस पीड़ित हैं, जिन्होंने दुनिया में दुर्भाग्य से इस वायरस के खिलाफ हमारी मजबूत लड़ाई को बड़ा धक्का दिया है। बचपन में एक कहावत सुनी थी, एक मछली पूरे तालाब को गन्दा कर देती है, और कनिका कपूर शायद यही काम हमारे देश के लिए कर रही हैं।

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