कानपुर : नौकरी जाने से दम्पति में हुआ कलह, दोनों ने फांसी लगा दी जान


प्राइवेट कंपनी में काम करता था पति, लॉकडाउन में गयी थी नौकरी
– पति की मौत के बाद पत्नी भी एक साल के बेटे को फर्श में बैठा लगायी फांसी
– दो वर्ष पहले आपसी रजामंदी से दोनों ने की थी कोर्ट मैरिज

कानपुर कोरोना काल में टूटी अर्थव्यवस्था का कहर अब परिवारिक कलह में दिखने लगा है। जिन लोगों की नौकरी गयी तो आर्थिक संकट जानलेवा साबित हो रहा है। ऐसा ही मामला शनिवार को बिधनू के न्यू आजाद नगर चौकी अंतर्गत राजीव नगर में सामने आया है। यहां पर नौकरी छूटने के बाद एक दंपति में आये दिन झगड़ा बढ़ने लगा और आज पत्नी से विवाद के बाद युवक ने कमरा बंद करके फांसी लगा ली। पति का शव लटकता देख पत्नी ने एक रिश्तेदार को जानकारी देने के बाद एक साल के बेटे को कमरे से बाहर बैठाया और दूसरे कमरे में जाकर फांसी लगा ली। थोड़ी देर बाद पहुंचे रिश्तेदारों ने दोनों को फंदे से उतारा और उर्सला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।


मूलरूप से बर्रा निवासी सिक्योरिटी गार्ड राजेन्द्र वर्मा पिछले चार साल से न्यू आजाद नगर जे राजीव नगर में अरुण तिवारी के मकान में किराये पर रह रहे हैं। राजेन्द्र के मुताबिक 35 वर्षीय बेटा प्रिंस तीन वर्ष पहले लखनऊ में एक कंपनी में काम करता था, जहां देवरिया रुद्रपुर निवासी जवाहरलाल की बेटी चंद्रिका भी काम करती थी। दो वर्ष पहले दोनों ने वहीं कोर्ट में प्रेम विवाह कर लिया था। विवाह के बाद प्रिंस पत्नी के साथ राजीव नगर में परिवार संग रहने लगा था। 25 जुलाई 2018 को दोनों का धूमधाम से विवाह कराया गया था। उनके एक साल का बेटा शौर्य है।

पिता ने बताया कि लॉकडाउन के बाद उसकी नौकरी छूट गई थी। जिसके बाद से खर्चों को लेकर दोनों के बीच आए दिन विवाद होता रहता था। शुक्रवार रात दोनों के बीच काफी विवाद हुआ था। बताया कि शनिवार सुबह वह ड्यूटी पर चले गए थे और पत्नी राजेश्वरी बेटी शालू संग देवकीनगर स्थित अपनी बहन कमला के घर गई थी। वहीं मकान मालिक अरुण भी परिवार संग रिश्तेदारी में गए हुए थे। घर में बेटे और बहू थे। शनिवार दोपहर दोनों में फिर झगड़ा हुआ, जिसके बाद प्रिंस ने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर पंखे से लटककर फांसी लगा ली। पति को फंदे पर लटका देख चंद्रिका ने मौसी कमला के बेटे सतेंद्र व अनिल को फोन करके घटना की जानकारी देते हुए खुद फांसी लगाने की बात कही। इसके बाद चंद्रिका ने बेटे शौर्य को कमरे के बाहर फर्श पर बैठाया और दूसरे कमरे में पंखे के कुंडे से फांसी लगा ली। जब मौसी कमला बेटे अनिल संग मौके पर पहुंचीं तो बेटा शौर्य फर्श पर पड़ा रो रहा था। चंद्रिका के कमरे का दरवाजा खुला था और प्रिंस के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। सूचना पर पहुंचे पिता ने रिश्तेदारों की मदद से दीवार की ईंट तोड़कर दरवाजे के कुंडा खोला। दोनों को फंदे से उतारकर 108 एंबुलेंस की मदद से उर्सला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। थाना प्रभारी पुष्पराज सिंह ने बताया कि पारिवारिक कलह की बात सामने आई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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