कानपुर फिरौती कांड : दोस्तों ने अगवा करने के चौथे ही दिन लैब टेक्निशियन उतारा मौत के घाट…

कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक महीने पहले लैब टेक्निशियन संजीत यादव का अपहरण उसके ही दोस्तों ने किया था। अपहरण के बाद चौथे ही दिन दोस्तों ने उसकी हत्या कर दी थी और शव को पांडू नदी में डिस्पोज कर दिया था। गुरुवार को पुलिस ने संजीत के दो दोस्तों को गिरफ्तार किया और उनसे पूछताछ की गई। दोस्तों ने बताया कि संजीत की हत्या हो चुकी है। पुलिस देर रात तक पांडू नदी में शव की तलाश कराती रही, लेकिन शव बरामद नहीं हो सका। गुरुवार रात पुलिस ने संजीत के परिजनों को उसकी हत्या की जानकारी दी।

शहर के बर्रा इलाके में रहने वाले संजीत का 22 जून को अपहरण हो गया था। अपहरण के बाद 29 जून को परिजनों के पास फिरौती के लिए फोन आया था। अपहरणकर्ताओं ने 30 लाख रुपए फिरौती की मांग की थी। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिस नंबर से अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की मांग थी उसे पुलिस ने सर्विलांस पर लगाया था। इसके बाद भी संजीत का कहीं कुछ पता नहीं चला था।

घर और जेवर बेचकर अपहरणकर्ताओं को दी थी फिरौती की रकम
परिजनों का आरोप था कि पुलिस ने किसी तरह की मदद नहीं की। घर और जेवरात बेचकर और बेटी की शादी के लिए जमा किए गए पैसे को इकट्ठा कर 30 लाख रुपए जुटाए थे। 13 जुलाई को पुलिस के साथ अपहरणकर्ताओं को 30 लाख रुपए देने के लिए गए थे। अपहरणकर्ता पुलिस के सामने से 30 लाख रुपए लेकर चले गए थे। 30 लाख लेने के बाद भी बेटा नहीं मिला तो पुलिस पर परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए थे। इस घटना के बाद एसएसपी ने बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत रॉय को सस्पेंड कर दिया।

दोस्तों ने ही किया था अपहरण
पुलिस के मुताबिक, संजीत यादव के साथ एक लैब में काम कर चुके उसके दो दोस्त 22 जून की उससे मिले थे। दोनों दोस्त संजीत को पास के ढाबे में खाना खिलाने के लिए ले गए। जहां पर संजीत और उसके दोस्तों ने शराब पी। नशे की हालत में संजीत ने दोस्तों को बताया था कि मैं खुद की पैथोलॉजी खोलने वाला हूं। मैंने इसके लिए सभी तैयारियां कर ली है, संजीत की यह बात सुनते ही उसके दोस्तों ने अपहरण की योजना बनाई। संजीत के दोस्तों ने उसे ढाबे से ही अपहरण कर लिया। पनकी में रहने वाले कुलदीप ने अपहरण की पूरी साजिश को रचा था। इस साजिश में कुलदीप की गर्लफ्रेंड और उसके साथी ज्ञानेंद्र, रामजी शुक्ला समेत तीन अन्य लोग भी शामिल थे।

अपहरण करने के बाद उसके दोस्तों ने संजीत की बाइक रामादेवी में झाड़ियों के बीच छिपाई थी। कुलदीप ने अपनी गर्लफ्रेंड को पत्नी बताकर रतनलाल नगर में किराए का रूम लिया था। संजीत को रतनलाल नगर में रखा था, उसे नींद और नशे का इंजेक्शन देते थे। अपहरणकर्ताओं फिरौती मांगने के लिए सिम कार्ड खरीदे थे। संजीत अपहरणकर्ताओं को जानता था, इसी वजह से उसके ही दोस्तों ने मिलकर संजीत की 26 जून को हत्या कर दी थी और शव को पांडू नदी में फेंक दिया था।

शव की तलाश की जा रही है: एसएसपी

एसएसपी दिनेश कुमार के मुताबिक, संजीत का अपहरण करने वालों में उसके दो खास दोस्त थे। ये दोस्त संजीत के साथ अन्य पैथोलॉजी में काम कर चुके हैं। उनके द्वारा कबूला गया है कि 26 या 27 जून को ही मर्डर किया है, इसके बाद पांडू नदी में शव को फेंक दिया गया है। शव की तलाश की जा रही है। 

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