कानपुर कांड : शहीद एसओ का राजकीय सम्मान के साथ गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार

रायबरेली । कानपुर कांड के शहीद एसआई का अंतिम संस्कार गमगीन माहौल में शनिवार को उनके गांव में गंगा घाट में कर दिया गया। शहीद के बड़े पुत्र ने शव को मुखाग्नि दी। 

 इस दौरान पूरा वातावरण महेश यादव अमर रहें के नारों से गुंजायमान रहा। अंतिम संस्कार के पहले पूरे राजकीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक नित्यानंद राय, उपजिलाधिकारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।


 शहीद को श्रंद्धाजलि देने गंगा घाट पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इसके पहले शहीद का पार्थिव शव देर रात जब उनके पैतृक गांव वनपुरवा लाया गया तो पूरा माहौल गमगीन हो गया। मां रामदुलारी व पत्नी सुमन का रो रो कर बुरा हाल था। मां और पत्नी शव से लिपट लिपट कर रो रही थी। बेटा विवेक भी अपने आंसू नहीं रोक पा रहा था।यह दृश्य देखकर सभी की आंखे नम थी। 


 पार्थिव शरीर के घर पहुंचने पर जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना, एसपी स्वप्निल ममगई, विधायक मनोज पांडे, एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह, विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह, पूर्व विधायक अशोक सिंह सहित भारी संख्या में लोगों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। 

गांव को गर्व है अपने लाल पर
सरेनी के वनपुरवा गांव का माहौल गमगीन है, शहीद के परिजन, दोस्त और पड़ोसी सब उनके साथ बिताये गए पलों को याद कर दुखी हो रहे हैं। शहीद महेश यादव के मित्र रुंधे गले से कहते हैं कि वह हमेशा कुछ नया करने की बात करते थे, उनकी शहादत पर हम सभी को गर्व है।
आर्थिक कठिनाइयों के बीच पले बढ़े महेश यादव पढ़ाई को लेकर बहुत गंभीर रहते थे, 1996 में पुलिस में भर्ती होने के बाद उन्होंने अपने भाई को पढ़ाने में मदद की और उसे शिक्षक बनाया। वह अपने बेटे विवेक को भी डॉक्टर बनाना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने उसे कोटा भेजा था। गांव के युवाओं को भी वह पढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करते रहते थे। उनकी शहादत पर न केवल उनके परिजन बल्कि पूरा गांव दुःखी है और अपने लाल की शहादत पर गर्व कर रहा है।

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