उन्नाव रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे कुलदीप सेंगर अब नहीं रहे विधायक…

लखनऊ । उन्नाव दुष्कर्म कांड में दोषी करार दिए गए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने इस सम्बन्ध में अधिसूचना जारी की है।

अधिसूचना के मुताबिक सजा के ऐलान की तारीख से ही सेंगर की सदस्यता खत्म मानी जाएगी। इस तरह सेंगर की सदस्यता 20 दिसम्बर 2019 से समाप्त मानी जाएगी। कुलदीप सिंह सेंगर उन्नाव की बांगरमऊ विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर निर्वाचित हुए थे। अब उनकी सीट रिक्त होने के कारण इस बार दोबारा उपचुनाव होगा। दुष्कर्म मामले में सजा घोषित होने के कुछ महीनों पहले पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था।

सेंगर आजीवन कारावास की सजा होने के कारण जेल में है। दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने 20 दिसम्बर 2019 को विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन 6 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके अलावा सेंगर पर 25 लाख रुपये जुर्माना भी लगा था। इस फैसले के बाद सेंगर की विधायकी खत्म हो गई थी। हालांकि इसको लेकर अधिसूचना अब जारी की गई है। वहीं सजा होने के बाद सेंगर सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के आधार पर अब भविष्य में चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य हो गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई 2013 में लिली थॉमस बनाम भारत संघ मामले की सुनवाई करते हुए फैसला दिया था कि अगर कोई विधायक, सांसद या विधान परिषद सदस्य किसी भी अपराध में दोषी पाया जाता है तो और इसके चलते उसे कम से कम दो साल की सजा होती है तो वह तुरंत अयोग्य हो जाएगा।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें