लॉकडाउन: पिता के शव को उठाने के लिए नहीं मिले चार कंधे, बेटियों ने कंधा दे किया दाह संस्कार

अलीगढ़ । जिले के बन्नादेवी थाना इलाके में गरीब और बीमारी से लड़ते हुए एक गृहस्वामी की मौत हो गई। लॉक डाउन के बीच रिश्तेदारों के न आ पाने व लोगों से मद्द न मिलने पर मृतक की पांच बेटियों ने कंधा दे दाह संस्कार किया। गृहस्वामी की मौत पर परिवार को रो—रोकर बेहाल है।

महानगर के जीटी रोड स्थित थाना बन्नादेवी इलाके के कोल राजेंद्र अखाड़ा के पास झोपड़ी डालकर रहने वाले 42 वर्षीय संजय कुमार गुप्ता लंबे समय से टीवी की बीमारी से पीड़ित चल रहे थे। संजय करीब छह माह पूर्व तक पत्नी व चार बेटियों के साथ किराये के मकान में रहते थे। बड़ी बेटी की शादी कर चुके हैं। बीमारी के चलते किराया न दे पाने पर मकान मालिक ने उनको घर से निकाल दिया था। मजबूर होकर उन्होंने जीटी रोड स्थित नुमाइश मैदान के सामने झोपड़ी डाल ली थी।

इधर, लॉक डाउन में काम-धंधा न मिलने से परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो गया। संजय की आर्थिक हालात की जानकारी पर शुक्रवार की रात मानव उपकार संस्था के पदाधिकारी भी हाल-चाल लेने पहुंचे। इसी दौरान संजय गुप्ता की अचानक और तबीयत बिगड़ गई। सूचना के बाद भी समय पर एंबुलेंस नही पहुंची और उन्होंने दम तोड़ दिया।

शनिवार को मृतक संजय की पांच बेटियों में काजल, राधा, मोना, हिमांशी व ज्योति ने पिता की अर्थी को कंधा दिया और मुखाग्निी देकर दाह संस्कार किया। हालांकि इस दौरान उनके परिजन और कुछ रिश्तेदार भी अंतिम संस्कार के समय मौजूद रहें। गृहस्वामी की मौत के बाद लॉक डाउन के बीच मु​​फलिसी में जीवन यापन कर रहे परिवार के सामने अब दो जून की रोटी का है। पिता की मौत के गम में बेटियों के आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

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