लखनऊ । विशेष न्यायाधीश पाक्सो अधिनियम/अपर सत्र न्यायाधीश लखनऊ की अदालत ने राजधानी लखनऊ के सहादतगंज में छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या करने के दोषी को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई है।
ठाकुरगंज के बाबा हजारा बाग गढ़ी पीर खां में 15 सितम्बर को छह साल की मासूम का उसके मुंहबोले मामा बबलू अराफात ने दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या कर दी थी। मासूम का शव लहूलुहान अवस्था में उसके घर से बरामद हुआ था। छानबीन के दौरान पुलिस ने बबलू को गिरफ्तार कर लिया।
वह बच्ची को बहाने से बुलाकर घर ले गया था, जहां उसने वारदात को अंजाम दिया।पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत भी मामले में कार्रवाई की थी। शुक्रवार को इसी मामले का फैसला सुनाते हुए विशेष न्यायाधीश पाक्सो अधिनियम/अपर सत्र न्यायाधीश लखनऊ ने दोषी को मृत्यु दण्ड की सजा सुनाई है।
क्या है पूरा मामला
15 सितंबर को ठाकुरगंज के बाबा हजारा बाग गढ़ी पीर खां में 15 सितंबर को छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की गई थी। मासूम लहूलुहान अवस्था में मुंह बोले मामा बबलू अराफात के घर से बरामद की गई थी।
छानबीन के दौरान पुलिस ने आरोपित बबलू को गिरफ्तार कर लिया था। बबलू बहाने से मासूम को अपने घर लेकर गया था, जहां उसने हैवानियत की हदें पार कर दी थीं। आरोपित के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत भी कार्रवाई की गई थी। वहीं पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हत्या से पहले उसका गला दबाने की बात समाने भी आई थी। शैतान बने मुहंबोला मामा ने मासूम पर न केवल चाकू से हमला किया था, बल्कि हथौड़े से भी कई वार किए थे। बच्ची के माथे और दायें आंख के ऊपर चोट के निशान मिले थे।