लखनऊ : हिंसा फ़ैलाने वालों के खिलाफ चला चाबुक, 5 आरोपियों से 1.5 करोड़ की वसूली, दुकानें भी कुर्क

लखनऊ
दिसंबर महीने में सीएए-एनआरसी के खिलाफ लखनऊ की सड़कों पर उत्पात मचाने वालों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। लखनऊ जिला प्रशासन ने हिंसा के 54 में से 5 आरोपियों से 1 करोड़ 54 लाख रुपये की रिकवरी का आदेश जारी कर दिया है। मंगलवार को हसनगंज स्थित एनवाई फैशन सेंटर समेत आरोपियों की अन्य इमारतें सील कर दी गई हैं। गुरुवार को खुर्रमनगर में हिंसा के एक अन्य आरोपी नफीस की दुकान को भी कुर्क किया गया है।

लखनऊ जिला प्रशासन ने अब तक 5 लोगों पर कुर्की की कार्रवाई की है। नफीस अहमद पर 64 लाख 35 हजार का बकाया है। नोटिस के बाद भी रकम न चुकाने पर दुकान प्रशासन ने गुरुवार को दुकान की कुर्की कर दी। सदर तहसीलदार शंभू शरण सिंह ने बताया कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों के मामले में 54 लोगों के खिलाफ वसूली का नोटिस जारी किया था। उनमें से हसनगंज इलाके में दो संपत्तियां मंगलवार को कुर्क कर ली गईं। साथ ही, यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि जिन संपत्तियों को कुर्क किया गया, उनमें एन वाई फैशन सेंटर नाम की कपड़ों की दुकान और एक अन्य दुकान शामिल हैं।

एडीएम कोर्ट ने जारी किया कुर्की का आदेश
कुर्की की यह कार्रवाई अपर जिलाधिकारी ट्रांस गोमती विश्व भूषण मिश्रा के आदेश पर की गई है। एनवाई फैशन सेंटर के सहायक भंडार प्रबंधक धर्मवीर सिंह और दूसरी दुकान के मालिक माहेनूर चौधरी सीएए विरोधी हिंसा के मामले में आरोपी हैं।

कोरोना के चलते 3 महीने से रुकी थी कुर्की की कार्रवाई

गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। प्रशासन ने इस मामले में 50 आरोपियों को वसूली नोटिस जारी किया था। मार्च में जिला प्रशासन ने आरोपियों के पोस्टर जगह-जगह लगवाए थे। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सुझाव पर लखनऊ जिला प्रशासन ने 20 मार्च को तमाम वसूली और कुर्की की प्रक्रिया को अस्थाई तौर पर रोक दिया था।

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