स्वच्छ भारत मिशन का उड़ाया जा रहा मजाक

जनसुनवाई पोर्टल पर अधिकारी लगा रहे अपनी मनमानी रिपोर्ट
शिकायतकर्ता को असत्य और निराधार सहित फर्जी शिकायत बता कर कर रहे मामले को रफा-दफा
क़ुतुब अन्सारी
बहराइच l तहसील मोतीपुर  मिहींपुरवा विकासखंड बलहा के ग्राम पंचायत गुलरा में स्वच्छ भारत मिशन का मजाक उड़ाया जा रहा है ,जहां केंद्र सरकार करोड़ों रुपए स्वच्छ भारत मिशन में लगा रही है वहीं गुलरा ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत सचिव व वीडियो की मिलीभगत से गुलरा ग्राम पंचायत में शौचालय निर्माण के नाम पर गरीब जनता के पैसे को लूटा जा रहा है, जनसुनवाई पोर्टल पर यदि कोई भी ग्रामीण शिकायत करता है तो ब्लॉक में बैठे अधिकारी कर्मचारी अपनी मनमानी रिपोर्ट लगाकर मामले को रफा-दफा कर देते हैं, और शिकायतकर्ता को फर्जी बता देते हैं ,
मामला विकासखंड बलहा ग्राम पंचायत गुलरा में स्वच्छ भारत मिशन अभियान के अंतर्गत जनवरी 2019 में ग्राम पंचायत के कुछ लोगों को सरकार द्वारा शौचालय मुहैया कराए गए थे, लेकिन ग्राम प्रधान राधादेवी व सचिव संदीप त्रिपाठी ने शौचालय निर्माण का कार्य ठेकेदार इरफान खान के माध्यम से शुरू करवाया, ग्रामीणों ने इसका विरोध भी किया था लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा, ठेकेदार ने आधा अधूरा काम करवा कर के छोड़ दिया है, किसी शौचालय का गड्ढा खुदा पड़ा है किसी का गड्ढा आधा बना हुआ है किसी शौचालय घर की दीवाल उठी हैं ,किसी की सिर्फ न्यू ही उठी है ,आठ महीने होने वाले हैं, लेकिन वह शौचालय आधे अधूरे पड़े हैं, पूरे ग्राम पंचायत में एक भी शौचालय चालू हालत में नहीं है ,बरसात का महीना चल रहा है बहन बेटियों को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है,  लेकिन इस पर कोई अधिकारी कर्मचारी ध्यान नहीं दे रहा है
गांव निवासी मिथिलेश कुमार ने 30 जून 2019 को मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी कि गांव में ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा ठेकेदारी के माध्यम से शौचालय का निर्माण कराया जा रहा था जो ठेकेदार ने आधा अधूरा निर्माण करके छोड़ दिया है कृपया इस प्रकरण की जांच करते हुए गांव वालों को शौचालय मुहैया करवाएं, इस पर ग्राम पंचायत सचिवसंदीप त्रिपाठी ने अपनी तरफ से विभाग को आख्या उपलब्ध कराई कि मिथिलेश कुमार द्वारा दी गई सूचना असत्य और निराधार है, और मिथिलेश स्वयं अपना शौचालय बनवा रहे हैं, अधिकारी अपनी मर्जी से रिपोर्ट लगा देते हैं, जांच करने नहीं आते हैं, ना देखने आते हैं
,यदि ग्राम पंचायत की जांच जिले स्तर के अधिकारियों द्वारा एक बार हो जाए तो दूध का दूध पानी का पानी निकल आएगा, यहां तक संदीप त्रिपाठी ग्राम पंचायत मे आते ही नहीं है,  वह अपनी एवजी पर अपने भांजे नीरज शुक्ला को लगाए  हुए है, शौचालय घोटाले की जांच के संबंध में जब एसडीएम मोतीपुर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह मामला आप सीडीओ से कहिए हम कुछ नहीं कर सकते हैं, सीडीओ साहब से भी कहा गया ,वीडियो साहब से भी कहा गया लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई, ऐसे में कहीं न कहीं यह लग रहा है कि  इस घोटाले में नीचे से लेकर ऊपर तक अधिकारी कर्मचारी मिले हुए हैं ,योगीराज का असर बहराइच में दिखाई नहीं दे रहा है, अधिकारी सब बेलगाम है, गांव वासियों को न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें