नई दिल्ली । सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पंजाब नेशनल बैंक पीएनबी ने कहा कि दो अन्य बैंकों के विलय के बाद भी बैंक का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। पीएनबी ने मंगलवार को ने एक ट्वीट में कहा कि पंजाब नैशनल बैंक ये स्पष्ट करता है कि बैंक का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
Punjab National Bank hereby clarifies that there is no proposal to change the name of the Bank.
— Punjab National Bank (@pnbindia) February 11, 2020
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले वर्ष सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का एक दूसरे में विलय कर 4 बड़े बैंक बनाने की घोषणा की थी। पीएनबी में ओबीसी और यूबीआई बैंक का विलय करने का फैसला किया गया। इस विलय के बाद पंजाब नेशनल बैंक सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा बड़ा बैंक बन जाएगा। इसके साथ ही सिंडीकेट बैंक का केनरा बैंक में, इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय का फैसला किया गया। इसी तरह आंध्र बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ विलय करने की घोषणा की गई थी।
गौरतलब है कि पंजाब नेशनल बैंक की ओर से ये वक्तव्य ऐसे वक्त आया है, जब यूबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार विलय के बाद बनने वाले बैंक का नया नाम और नए चिन्ह घोषित कर सकती है। तीनों बैंकों का विलय 1 अप्रैल 2020 से अस्तित्व में आ जाएगा।
खाताधारकों पर होगा ये असर
पीएनबी में ओबीसी और यूनाइटेड बैंक के विलय के बाद इन बैंकों के ग्राहकों को कुछ कागजी काम करने होंगे. ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है. जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड मिलेंगे, उन्हें नए डिटेल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) आदि में अपडेट करवाने होंगे.