2 जून को है निर्जला एकादशी, इस विधि से करे व्रत मिट जायेंगे सारे पाप…

हिन्दू धर्म में निर्जला एकादशी व्रत का बहुत महत्व बताया गया है | इस वर्ष ये व्रत 2 जून 2020 को रखा जायेगा | धार्मिक मान्यताओं में बताया जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन और श्रद्धा से निर्जला एकादशी के व्रत को करता है, उसे समस्त एकादशी व्रत का पुण्य मिल जाता है | बता दे हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि इस व्रत का महत्व ऋषि वेदव्यास जी ने भीम को बताया था, तभी से इस इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाने लगा |

बताया जाता है कि इस व्रत को करने से समस्त पापो से मुक्ति मिल जाती है | ये व्रत बहुत ही पवित्र व्रत है, हालाँकि इस व्रत को करना सभी के लिए आसान भी नहीं है | क्योंकि इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को पानी के सेवन किये बिना रहना पड़ता है, इसीलिए इसे निर्जला एकादशी भी कहते है | बता दे जुलाई की तपती गर्मी में इस व्रत को करना आसान नहीं है | 


एकादशी का व्रत एकादशी तिथि को सूर्योदय से लेकर द्वादशी के दिन व्रत पारण मुहूर्त तक रखा जाता है | आज हम आपको इस व्रत को करने की विधि बताने जा रहे है |

निर्जला एकादशी के व्रत की तैयारी उसके एक दिन पहले ही कर लेनी चाहिए | आप एक दिन पहले ही व्रत में काम आने वाली सामग्री एकत्रित कर ले | साथ ही दशमी तिथि के दिन आप सात्विक भोजन करके ही सोये |


अगले दिन अर्थात एकादशी के दिन आप प्रातःकाल उठे और शौच आदि से निवृत होकर स्नान करे | इसके पश्चात आप पूजाघर की साफ सफाई करे | भगवन विष्णु जी की मूर्ति को गंगाजल से नहलाये और उनके सामने दीप जलाकर उनका स्मरण करे |


इसके बाद जब आप भगवान् विष्णु जी की पूजा करे तो उसमे तुलसी के पत्तो का प्रयोग अवश्य करे | पूजा के अंत में प्रभु की आरती करे | इसके बाद शाम के समय भी दीप जलाकर उनकी आराधना करे और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करे |

इसके बाद द्वादशी के दिन यानि अगले दिन व्रत पारण मुहूर्त पर अपना व्रत खोले | सबसे पहले श्रीहरि को मीठी चीज का भोग लगाए | इसके बाद लोगो में भी प्रसाद बांटे और हो सके तो ब्राह्मणो को भोजन कराये और दान दे | इस बात का अवश्य ध्यान रखे की आपको व्रत खोलने के बाद ही जल ग्रहण करना है |  

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