जलाने के लिए कुछ भी बचा नहीं, शव गांव में दफनाएंगे- उन्नाव पीड़िता का भाई

उन्नाव में बलात्कार पीड़िता को पाँच आरोपितों ने मिल कर जला डाला। इसके बाद ज़िन्दी और मौत से जूझ रही पीड़िता को दिल्ली स्थित सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुक्रवार (दिसंबर 6, 2019) की रात पीड़िता को हार्ट अटैक आया और मृत्यु हो गई। इस घटना से पूरा देश सन्न रह गया। पीड़िता के परिजनों ने माँग की है कि सभी दोषियों को मौत की सज़ा दी जाए। परिवार का कहना है कि वो अब पीड़िता के पार्थिव शरीर को जलाएँगे नहीं बल्कि दफनाएँगे। उनका कहना है कि पहले से ही दरिंदों द्वारा आग लगा कर जला दी जा चुकी पीड़िता के शरीर में जलाने के लिए कुछ बचा ही नहीं है, इसीलिए उनके शव को दफनाया जाएगा।

बलात्कार पीड़िता के भाई ने बताया कि उनकी बहन 90% जल चुकी है, ऐसे में अंतिम क्रियाकर्म हेतु जलाने के लिए कुछ बचा ही नहीं है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस घटना पर दुःख जताते हुए बयान जारी किया है। पुलिस और प्रशासन भी सवालों के घेरे में है क्योंकि परिजनों ने आरोप लगाया है कि लगातार मिल रही धमकियों की जानकारी होने के बावजूद पुलिस ने एक्शन नहीं लिया। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों के मन में क़ानून का डर बनाए रखने की ज़रूरत है।

23 वर्षीय पीड़िता के साथ ये घटना तब हुई, जब वह रायबरेली कोर्ट में सुनवाई के लिए जा रही थी। पीड़िता ने मरने से कुछ देर पहले अपने भाई से कहा था- “भैया, बचा लो! मैं मरणा नहीं चाहती। जिन्होंने मेरे साथ ग़लत किया है, उन्हें मैं मौत की सज़ा पाते देखना चाहती हूँ।” बता दें कि पीड़िता को जलाने आरोपित वही लोग हैं, जिन्होंने उसका बलात्कार किया था। उन्होंने उसका पीछा कर के उसपर केरोसिन तेल डाला और आग लगा दी। आरोपितों से बचने के लिए पीड़िता 1 किलोमीटर तक बदहवास अवस्था में भागती रही। यहाँ तक कि उसने 112 नंबर पर पुलिस को भी कॉल किया था।

जब पुलिस मौके पर पहुँची, तब तक वह 90 प्रतिशत जल चुकी थी। यूपी सरकार ने कहा था कि वो पीड़िता के इलाज का पूरा ख़र्च उठाएगी। परिजनों ने अब स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें पैसे नहीं चाहिए बल्कि वो आरोपितों को मौत की सज़ा मिलते देखना चाहते हैं।

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