विदेशों में फैलने के बाद अब कोरोना देश में अपनी पकड़ बढ़ा रहा है। हालांकि देश की सरकार ने इससे निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा भी लिए हैं लेकिन जनता के मन में इसको लेकर भय बना हुआ है। इस माहौल में डरे लोग सबसे ज्यादा इसके बचाव की कोई दवाई या फिर वैकल्पिक उपचार ढूंढने में लगे हैं। सोशल मीडिया पर भी इससे बचाव के लिए तरह-तरह की दवाईयों और जड़ी बूटियों के उपयोग की सलाह इन दिनों खब ही मिल रही है। सोशल मीडिया इन दिनों सबसे ज्यादा इसी तरह की लोगों की एडवाइजरी वाली पोस्ट से भरा हुआ है।
एंटी फ्लू दवाईयों की बिक्री बढ़ी
कोरोना के प्रकोप के बाद दवाईयों की दुकानों पर एंटी फ्लू दवाईयों की मांग यकायक बढ़ गई है। सीकर के फार्मासिस्ट विनोद शर्मा बताते हैं कि दवाइयों के लिए उनकी दुकान पर पहुंचने वाले हर दूसरे व्यक्ति की जुबां पर कोरोना का नाम है। कई लोग सोशल मीडिया से पता कर यहां कई अलग-अलग तरह की एंटी फ्लू व वैक्टीरियल दवा खरीद रहे हैं।
आयुर्वेदिक काढ़ा
कोरोना की खबरों के बीच स्वाइन फ्लू की तर्ज पर शहर में जगह-जगह आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया जा रहा है। कई स्वयंसेवी संगठनों की ओर से इसके लिए योजना बनाई जा रही है। वहीं आयुर्वेदिक औषधियों का इस्तेमाल भी एकाएक बढ़ गया है। एक निजी औषधालय में बताया कि लोग इन दिनों कई पैक्ड काढ़ा खरीद रहे हैं।
संख्या में खरीदे जा रहे तुलसी के पौधे
इधर नर्सरियों में तुलसी के पौधों की मांग भी बढ़ी है। तेज सर्दी में तुलसी के पौधों के जलने के बाद अब कोरोना में भी तुलसी के फायदेमंद इस्तेमाल को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही खबरों के बीच लोगों ने तुलसी को अपनी दिनचर्या में भी शामिल किया है। श्याम तुलसी, रामा, नीबू और वन तुलसी के प्रकार और उनके फायदों के बारे में चर्चा भी हो रही है।
याद आई नानी-दादी! बताए जा रहे घरेलू उपचार
हर दूसरा व्यक्ति कोरोना से कहीं हद तक बचाव की दवाई व नुस्खे बताने और पता करने में व्यस्त है। ऐसे में घरेलू उपचार को प्राथमिकता दी जा रही है। लोग एक दूसरे से फोन कर इस पर चर्चा करने में मशगूल दिखआ दे रहे हैं।