मध्यप्रदेश में लागू नहीं होगा एनपीआर, सीएम कमनलाथ ने विधायक मसूद के विरोध के बाद किया ऐलान

मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर कांग्रेस पार्टी में घमासान मच गया है। दरअसल, शनिवार को पार्टी के विधायक आरिफ मसूद ने एनपीआर का मध्य प्रदेश में राजपत्र जारी होने का कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने विरोध किया था। उन्होंने प्रेसवार्ता आयोजित कर सरकार को धमकी देते हुए कहा था कि यदि मुख्यमंत्री का रुख सकारात्मक नहीं रहा तो ऐसी पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने प्रदेश सरकार से इस राजपत्र को तत्काल खारिज करने की मांग की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ऐलान किया कि प्रदेश में एनपीआर लागू नहीं होगा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा शनिवार को देर रात एक बयान जारी कर कहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि वह एनपीआर लागू करने नहीं जा रहे हैं।

मध्यप्रदेश में एनपीआर का गैजेटेड नोटिफिकेशन जारी होने की बात पता चलने पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने शनिवार को प्रेसवार्ता के दौरान कमलनाथ सरकार से गैजेटेड नोटिफिकेशन को खारिज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बड़े ही अफसोस की बात है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी ये लागू हो गया। अब हम इसका पुरजोर तरीके से विरोध करेंगे। मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर इसे खारिज करने की मांग की जाएगी। हम इसके खिलाफ भोपाल सहित पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे। हर मुस्लिम घर के आगे नो सीएए और नो एनआरसी के पोस्टर लगाए जाएंगे। इसके अलावा जनगणना करने आने वालों का भी विरोध करेंगे।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी किये गये बयान में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधायक मसूद की शंका का समाधान करते हुए कहा है कि एनपीआर की जिस अधिसूचना की बात की जा रही है, वह नौ दिसंबर 2019 का है। इस अधिसूचना के बाद केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) जारी किया है अर्थात जो एनपीआर अधिसूचित किया गया है, वह नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत नहीं किया गया है। नागरिकता संशोधन अधिनियम 1955 की नियमावली 2003 के नियम तीन के तहत किया गया है। मध्यप्रदेश सरकार ने अभी कोई गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार एनपीआर को लागू नहीं करेगी।

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