ओबामा की किताब में दावा- ’26/11 हमले के बाद पाकिस्तान पर ऐक्शन लेने से बच रहे थे मनमोहन’

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की नई किताब जिसका नाम A promised LAND हाल ही में लॉन्च हुई है. इस किताब के आने से पहले ही भारत की राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है. जहां पहले उनकी किताब में राहुल और सोनिया गांधी पर निशाना साधा. वहीं अब ओबामा ने अपनी किताब में बहुत बड़ा दवा किया है कि पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मुंबई के 26/11 हमलों के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रहे थे. हालांकि, इसका उन्हें राजनीतिक नुकसान भुगतना पड़ा था. सिंह ने इस बात पर भी चिंता जताई थी कि मुस्लिम-विरोधी भावनाएं बढ़ रही हैं. जिससे बीजेपी की ताकत बढ़ रही है.

ओबामा ने अपनी किताब A promised land में कहा है कि मनमोहन को डर था कि देश में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी बीजेपी के असर से मुस्लिम-विरोधी भावनाएं बढ़ रही हैं.’ वहीं, ओबामा ने यह भी कहा है कि राजनीतिक दलों के बीच विवादों, तरह-तरह के अलगाववादी आंदोलनों और भ्रष्टाचार घोटालों के बावजूद आधुनिक भारत की कहानी को कई मायनों में सफल कहा जा सकता है.

इसी के साथ भारत की आर्थिक नीति के बारे में अपनी किताब में लिखा है कि 1990 के दशक में भारत की अर्थव्यवस्था और अधिक बाजार आधारित हुई, जिससे भारतीयों का असाधारण उद्यमिता कौशल सामने आया और इससे विकास दर बढ़ी, तकनीकी क्षेत्र फला-फूला और मध्यमवर्ग के लोगों का तेजी से विकास हुआ.

किताब में ओबामा ने 2008 के चुनाव प्रचार अभियान से लेकर राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल के अंत में पाकिस्तान में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मारने के अभियान तक की अपनी यात्रा का विवरण दिया है. इस किताब के दो भाग हैं, जिनमें से पहला मंगलवार 17 नवंबर को दुनियाभर में जारी हुआ.

इससे पहले ओबामा कि किताब में राहुल गांधी के बार में ये भी देखा गया था कि ओबामा के हिसाब से राहुल एक अयोग्य राजनेता हैं. जो भारत के प्रधानमंत्री कभी नहीं बन सकते. इसके साथ ही उनकी किताब में ये भी लिखा था कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने के पीछे भी एक अनोखी कहानी है और सभी को पता है कि वह पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं थे. ओबामा ने कहा, ‘बल्कि यह पद उन्हें सोनिया गांधी ने दिया था. इसके पीछे कि वजह उन्होंने ये बताई कि मनमोहन सिंह का कोई राजनैतिक बैकग्राउंड नहीं था और उनसे सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी कि राजनैतिक भविष्य को कोई खतरा नहीं है.

अभी तो ये उनकी किताब का पहला एडिशन था. अब देखना होगा कि अगले एडिशन में उनकी किताब और क्या नए रंग दिखा टी है.

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