नजरबंदी से रिहा हुए उमर अब्दुल्ला, बोले-कोरोना वायरस पर प्रशासन के आदेशों का पालन करें

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से पीएसए हटाकर मंगलवार दोपहर बाद उन्हें नजरबंदी से रिहा कर दिया गया। श्रीनगर स्थित सब जेल से घर लौटे उमर अब्दुल्ला ने मीडिया तथा वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह समय पूरी दूनिया जिस महामारी से जूझ रही है, उससे जंग लड़ने का समय है। प्रशासन के आदेशों का उल्लंघन कर आज हम यहां जो जमा हुए हैं, यह ठीक नहीं है। हमें सरकार के आदेशों का पालन करते हुए इस बीमारी को जड़ से समाप्त करना है।

उन्होंने कहा कि सब जेल में मैंने सोचा था कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 समाप्त किए जाने, जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट देने के केंद्र सरकार के फैसले तथा उसके बाद यहां की आवाम को पेश आई मुशिकलों के बारे में बहुत कुछ बोलूंगा, लेकिन अभी यह सही समय नहीं है। इस बारे में बाद में आपके साथ खुलकर बात करुंगा। इस समय पूरी दूनिया कोरोना वायरस से जूझ रही है। इस बारे में प्रशासन के आदेशों का हमें पालन करना चाहिए।

इस दौरान उमर ने सरकार से महबूबा मुफ्ती और देश की अन्य जेलों में बंद कश्मीरियों को इस बीमारी के फैलाव को देखते हुए छोड़ने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को देखते हुए प्रशासन को थ्रीजी और 4जी इंटरनेट को बहाल करना चाहिए ताकि संवाद संभव हो सके।

उल्लेखनीय है कि नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से धारा 370 समाप्त किए जाने के बाद एहतियात के तौर पर हिरासत में ले लिया गया था। इसके बाद फरवरी में उन पर पीएसए लागू कर श्रीनगर में बनी उप जेल में रखा गया था।

उमर अब्दुल्ला की रिहाई पर प्रियंका ने कहा-लोकतंत्र की जीत हुई

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएसए के तहत नजरबंद किए गए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की रिहाई के आदेश पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि आखिरकार उमर अब्दुल्ला पर लगी असंवैधिक नजरबंदी रद्द हुई, रिहाई का यह आदेश लोकतंत्र की जीत है।

प्रियंका गांधी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, ‘यह जानकर खुशी हुई कि उमर अब्दुल्ला की असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक नजरबंदी को आखिरकार रद्द कर दिया गया। इसके बारे में केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ-साथ लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों को बहाल करती है।’

उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के आठ महीने तक हिरासत में रहने के बाद रिहाई के आदेश आए हैं। उमर को चार अगस्त, 2019 की रात जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से पहले नजरबन्द किया गया था। उन्हें इस वर्ष पांच फरवरी से पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में रखा गया था।

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