ओरेकल और वॉलमार्ट खरीदेगा टिकटॉक का अमेरिकी कारोबार, ट्रंप ने दी मंजूरी

चीन के बुरे दिन उसी वक्त शुरू हो गए थे, जब उसने लद्दाख में दगाबाजी कर भारतीय सीमा में दाखिल होने की हिमाकत दिखाई. भारत ने चीन को सीमा पर सबक सिखाया और साथ ही देश अंदर फैले उसके व्यापार को भी करारी चोट दी, कई परियोजनाओं से बाहर का रास्ता दिखा दिया. सबसे बड़ा झटका तब लगा जब चीन के सोशल मीडिया ऐप पर पाबंदी लगाई. अब तक मोदी सरकार ने 224 चीनी ऐप बैन कर चुकी है. सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना TikTok. चीन अपने इन ऐप के माध्यम से भारत की जासूसी कर रहा था. भारत के बैन के बाद दुनिया ने कई देशों ने चीन पर पाबंदियां लगानी शुरू कर दी. अमेरिका ने घोषणा की कि उसके यहां भी जासूसी करने वाले चीनी ऐप पर पाबंदी लगा दी जाएगी. इसमें टिकटॉक का नाम सबसे पहले सामने आया. अब टिकटॉक को लेकर बड़ी खबर आई है.

अमेरिका में ओरेकल और वॉलमार्ट ने साथ में मिलकर टिकटॉक ग्लोबल नामक की एक नई कंपनी बनाई है. अब यहां टिकटॉक बैन नहीं होगा. ये कंपनी चीन से टिकटॉक को खरीदेगी. नई कंपनी का मुख्यालय अमेरिका में ही स्थापित किया जाएगा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते को अपनी शुभकामनाएं दी हैं.

ट्रंप ने कहा है कि चीन स्थित टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस को अमेरिकी सरकार के साथ हुए एक समझौते के आधार पर मंजूरी मिल गई है, जिससे लंबित मुद्दे का हल होता है. नव-निर्मित टिकटॉक ग्लोबल बिजनेस के 20 फीसदी हिस्सेदारी पर निवेश कर ओरेकल और वॉलमार्ट भी अब इसमें शामिल हो गया है.

एनपीआर डॉट ओआरजी के मुताबिक, यह समझौता अमेरिकी यूजर्स के डेटा की सुरक्षा को लेकर व्हाइट हाऊस की जो चिंता थी, उसमें खरा उतरा हुआ मालूम पड़ता है. ओरेकल और वॉलमार्ट ने एक संयुक्त बयान में कहा कि इस नई कंपनी में अमेरिकी निवेशकों का स्वामित्व होगा.

सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ओरेकल ने बताया कि टिकटॉक का चुनाव इसके सुरक्षित प्रदाता क्लाउड के चलते किया गया है और 12.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ यह एक अल्पसंख्यक निवेशक बन जाएगा.

वॉलमार्ट ने कहा कि फिलहाल उनकी योजना टिकटॉक में 7.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की है और कंपनी के सीईओ डग मैकमिलन नई बनाई इस कंपनी में शामिल पांच बोर्ड मेंबर्स में से एक होंगे.जरुर पढ़ें:  भारत दौरे आ रहे हैं ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया, जानिए कैसे स्वागत करेंगे मोदी…

खबरों के मुताबिक, टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस द्वारा इसके बाकी बचे 80 फीसदी हिस्से की खरीददारी की जाएगी. रिपोर्ट में कहा गया, “चूंकि बाइटडांस के 40 फीसदी हिस्से पर अमेरिकी कंपनियों का मालिकाना हक है इसलिए ट्रंप प्रशासन का कहीं न कहीं यह कहना तो बनता ही है कि टिकटॉक ग्लोबल पर अमेरिका का ही सबसे अधिक पैसा लगा है.”

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