पाकिस्तानी कोर्ट ने धर्मांतरित हिन्दू लड़की की शादी को अमान्य किया घोषित, पति समेत 7 पर मामला दर्ज

पाकिस्तान के सिंध प्रांत से जबरन धर्म परिवर्तन और निकाह के लिए अगवा की गई हिन्दू लड़की महक के मामले में पाकिस्तान के जैकोबाबाद की एक अदालत ने कड़ी सुरक्षा के बीच बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने महक की शादी को अमान्य करार देते हुए उसके पति समेत 7 लोगों पर मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि महक अभी 18 वर्ष की नहीं है नाबालिग होने की वजह से उसकी शादी कानूनी तौर पर लीगल नहीं है। इसलिए महक को बालिग होने तक बाल संरक्षण गृह में रखा जाएगा।

पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने महक से विवाह करने वाले अली रजा सोलंगी समेत उन सात लोगों पर पुलिस से चौबीस घंटे में मुकदमा दर्ज करने को कहा जिन्होंने इस विवाह को अंजाम दिलाने में अपनी भूमिका निभाई थी। वहीं अखबार जंग की रिपोर्ट के मुताबिक, जैकोबाबाद पुलिस ने बुधवार को इन सातों के खिलाफ बाल विवाह कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया। इनमें सोलंगी, कथित निकाह को कराने वाला व दरगाह अमरोट शरीफ का प्रबंधक सैयद सिराज अहमद शाह भी शामिल हैं।

 

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जैकोबाबाद के न्यायाधीश गुलाम अली कंसारो ने अपने फैसले में कहा कि महक कुमारी नाबालिग है। इसलिए ये विवाह अमान्य करार दिया जाता है। बता दें कि महक के परिवार की यही मांग थी कि विवाह को अमान्य घोषित किया जाए।

इससे पहले यह दावा किया गया था कि महक ने अपनी मर्जी से सोलंगी से विवाह किया है जो उसके घर में नौकर था। कक्षा नौ की छात्रा महक 15 जनवरी को स्कूल से घर नहीं लौटी थी। एक हफ्ते बाद पुलिस को पता चला कि वह और सोलंगी अमरोट शरीफ दरगाह में हैं। यह कहा गया कि दोनों ने अपनी मर्जी से शादी कर ली है और महक ने इस्लाम कबूल करते हुए अपना नाम अलीजा रख लिया है। हालांकि, बाद में एक पेशी के दौरान महक ने अदालत से साफ कहा था कि वह अपने माता-पिता के साथ रहना चाहती है।

न्यायाधीश गुलाम अली कंसारो ने अपने फैसले में कहा कि महक 18 साल से कम की लग रही है और इस वजह से सिंध बाल विवाह नियंत्रण कानून 2013 के तहत विवाह के लिए फिट नहीं है। उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से इस बाल विवाह में शामिल सभी लोगों पर 24 घंटे के अंदर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। न्यायाधीश कंसारो ने महक कहा, महक को बाल संरक्षण गृह में भेजने का निर्देश दिया। पुलिस से महक की पुख्ता सुरक्षा करने को कहा गया है।

मामले की सुनवाई के दौरान जैकोबाबाद में अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। पांच जिलों की पुलिस यहां लगाई गई थी। अदालत की तरफ जाने वाले सभी रास्तों को कंटीले तार लगाकर बाधित कर दिया गया था। हिंदू समुदाय के सदस्यों, मानवाधिकार संगठनों, सिंधी राष्ट्रवादियों, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की महिला शाखा की सदस्यों, सिंध सूफी संगत व कई अन्य ने महक को इनसाफ दिलाने के लिए शहर में प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि महक जबरन धर्मातरण की शिकार हुई है।

जबकि, कई मुस्लिम धार्मिक संगठनों के आह्वान पर शहर पूरी तरह से बंद रहा। उनका कहना था कि महक ने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया है। वह अब मुस्लिम है, अगर उसे वापस उसके घर भेजा गया तो वे इसे सहन नहीं करेंगे। उसे उसके पति को सौंपा जाए। लेकिन, इन संगठनों ने महक को बाल संरक्षण गृह भेजे जाने के अदालत के फैसले के प्रति विरोध नहीं जताया।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें