स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए – डीएम


– कर्मचारियों के द्वारा स्थानान्तरण के बाद भी नयी जगह पर जाॅइन न करने से डीएम नाराज
मैनपुरी – समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सप्ताह में कम से कम 3 दिन क्षेत्र का भ्रमण अवश्य करें, एमओआईसी अपने तैनाती स्थल पर ही रात्रि विश्राम करें, स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले मरीजों के साथ मृदुल व्यवहार किया जाए, उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जायें, रोगी कल्याण समिति मे उपलब्ध धनराशि से स्वास्थ्य केंद्रों पर मूल-भूत सुविधाएं यथा मरीजों के बैठने हेतु फर्नीचर, पीने हेतु स्वच्छ पानी, साफ-सफाई के प्रबंध किए जाएं, सर्दी के मौसम से बचाव हेतु मरीजों-तीमारदारों के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर उचित प्रबंध हों। एमओआईसी आशा, एएनएम, संगिनी के कार्यों की साप्ताहिक समीक्षा करें, प्रत्येक सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से सबसे खराब काम करने वाली 3-3 एएनएम को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए साथ ही अच्छा कार्य करने वाली 3-3 एएनएम को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए जाएं।


    उक्त निर्देश जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह ने जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की बैठक की समीक्षा के दौरान दिये। उन्होने नाराजगी व्यक्त करते हुये कहा कि जिन एएनएम के स्थानान्तरण शासकीय कार्य हित में किये गये हैं, यदि वह 30 नवम्बर को प्रातः 11 बजे तक नए तैनाती स्थल पर ड्यूटी जॉइन न करें तो उनकी सेवाएं समाप्त करने, प्रतिकूल प्रविष्टि दिये जाने की संस्तुति की जाए, समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारी आदेशों का अनुपालन कराना सुनिश्चित करें। उन्होने प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को आदेशित किया कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ प्राथमिकता पर लाभार्थियों को प्रदान किया जाए, प्रसूताओं को तत्काल जननी सुरक्षा योजना का लाभ मिले, आशाओं को भी उनके मानदेय का समय से भुगतान हो। उन्होने कहा कि गर्भवती के बैंक खाते की डिटेल गर्भावस्था के दौरान प्राप्त कर समस्त औपचारिकताएं पूर्ण की जाए ताकि उन्हें समय से लाभ दिया जा सके। प्रसूता को स्वास्थ्य केंद्रों पर उत्तम क्वालिटी का खाना, नाश्ता मुहैया कराया जाए, डिस्चार्ज होने पर उन्हें 102 एंबुलेंस से उनके घर तक भेजा जाए, नवजात का टीकाकरण भी किया जाए।
          डीएम ने जननी सुरक्षा योजना के भुगतान कि अच्छी प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों से कहा कि भविष्य में भी इसी प्रकार भुगतान की प्रक्रिया सुनिश्चित करें, आशाओं के मानदेय के भुगतान की प्रगति भी सुधारी जाये। उन्होने समीक्षा के दौरान स्वास्थ्य केंद्रवार संस्थागत प्रसव जानकारी करने पर पाया कि गत वर्ष माह अक्टूबर के सापेक्ष इस वर्ष माह अक्टूबर तक बेवर में 177, जिला महिला चिकित्सालय में 168, घिरोर में 210, सुल्तानगंज में 53 संस्थागत प्रसव कम हुए हैं, इस पर उन्होंने संबंधित प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को संस्थागत प्रसव की प्रगति सुधारने के निर्देश दिये। उन्होने प्र. चिकित्साधिकारी करहल कदृे निदशर््शित करते हुये कहा कि बीसीपीएम की कार्यशैली के कारण करहल में आशाओं के मानदेय के भुगतान की प्रगति ठीक नहीं है, सम्बन्धित बीसीपीएम का वेतन रोकते हुये नोटिस जारी किया जाये। उन्होने जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण, क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम की बिंदुवार समीक्षा की।


       बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, अपर जिलाधिकारी बी.राम, उप जिलाधिकारी सदर ऋषिराज, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए.के. पांडेय, परियोजना निदेशक एस.सी.मिश्र, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक महिला डा.ए.के.पचैरी, प्र. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अशोक कुमार, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.पी. शुक्ला सहित समस्त प्र. चिकित्साधिकारी, अन्य अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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