कानपुर शेल्टर होम मामले में सियासत : अखिलेश बोले- 7 नाबालिगों के गर्भवती होने पर शोषण करने वालों के खिलाफ तुरंत जांच बैठाए सरकार

कानपुर. उत्तर प्रदेश में कानपुर के राजकीय महिला संवासिनी गृह की 57 बालिकाओं के कोरोना संक्रमित मिलने और सात के गर्भवती होने को लेकर सियासत शुरू हो गई है। विपक्ष ने ट्वीट कर प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोला तो सत्ता पक्ष भी एक्टिव हो गया है। कानपुर सांसद सत्यदेव पचौरी ने पलटवार करते हुए इसे भ्रामक करार दिया और कार्रवाई तक की चेतावनी दे डाली। हालांकि, जिला प्रशासन ने पटाक्षेप करते हुए कहा है कि, 57 कोरोना संक्रमित लड़कियों में पांच गर्भवती हैं। जबकि दो गर्भवतियों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है। शेल्टर होम में आने से पहले ही ये सातों गर्भवती थीं।

सपा अध्यक्ष ने जांच की मांग उठाई

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस प्रकरण में जांच की मांग उठाई है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि, कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह से आई खबर से प्रदेश में आक्रोश है। कुछ नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने पर गंभीर खुलासा हुआ है। इनमें 57 कोरोना संक्रमित व एक एड्स से पीड़ित है। इनका तत्काल इलाज हो। साथ ही सरकार शारीरिक शोषण करने वालों के खिलाफ जांच करे। 

कांग्रेस के वर्तमान व पूर्व अध्यक्ष ने सरकार पर बोला हमला

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ट्वीट कर लिखा कि, कानपुर के राजकीय बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियों को कोरोना, 2 बच्चियां गर्भवती और एक को एड्स पॉजिटिव होने का मामला सामने आया है। बिहार के मुजफ्फरपुर का मामला सबके सामने हैं। उप्र के देवरिया में ऐसा ही मामला आ चुका है। ऐसे में पुनः इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति से साफ है कि सरकार ने सबक नहीं लिया। “किसी को बक्शा नहीं जाएगा” जैसे जुमले बोल देने से व्यवस्था नहीं बदलती मुख्यमंत्री जी। देवरिया से कानपुर तक की घटनाओं में क्या बदला?

वहीं, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व फिल्म अभिनेता राज बब्बर ने ट्वीट कर लिखा कि, सरकारी निगरानी में पल रही इन बच्चियों का ये ख़्याल रखा गया? सभी 57 बच्चियां संक्रमित। लेकिन कोरोना ने शोषण का जो भेद खोला वो असहनीय है। ऐसे अन्याय बिना रसूखदारों की संलिप्तता के संभव नहीं। कानपुर के संरक्षण गृह मामले में सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को संज्ञान लेना चाहिए।

दोषियों को मिले कठोर सजा: सपा प्रवक्ता जूही सिंह

वहीं, सपा प्रवक्ता व बाल अधिकार आयोग की पूर्व अध्यक्ष जूही सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि, कानपुर के राजकीय बाल संरक्षण गृह में कोरोना जांच के दौरान बेटियों की दिलदहला देने वाली स्थिति सामने आई है। सरकार को मामले की त्वरित उच्चस्तरीय जांच करा बेटियों के शोषण, अत्याचार और उत्पीड़न की तह तक जाकर दोषियों को कठोर से कठोर सजा दिलानी चाहिए।

सपा प्रवक्ता पर इन्होंने किया पलटवार

  • प्राविधि शिक्षा मंत्री कमल रानी वरूण ने जूही सिंह पर पलटवार कर किया है। उन्होंने लिखा कि, आप तो राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग में सदस्य भी रही हैं। प्रक्रिया की जानकार हैं। फिर भी इस तरह का असंवेदशील आचरण, सिर्फ सियासत के लिए? 
  • राज्य बाल अधिकार आयोग की सदस्य डॉक्टर प्रीती वर्मा ने पुलिस और डीएम कानपुर से मांग की है कि, आपदा के वक्त ऐसी झूठी खबर फैलाने वालों के खिलाफ फेक न्यूज व पाक्सो एक्ट में कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। ये प्रदेश की छवि बिगाड़ने के साथ ही बच्चियों की इज्जत से खिलवाड़ कर रहे हैं। 

सांसद पचौरी ने कहा- भ्रापक समाचार फैलाया जा रहा
सपा प्रवक्ता जूही सिंह को सांसद सत्यदेव पचौरी ने भी जवाब दिया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, मीडिया व एवं सोशल मीडिया में कानपुर संवासिनी ग्रह व वहां रह रही संवासनी के संबंध जो आज भ्रामक समाचार वायरल हो रहा है, के संबंध में मंडलायुक्त डा. सुधीर एम बोबडे के निर्देश पर जिलाधिकारी डॉ. ब्रह्म देव राम तिवारी ने बताया कि इस संरक्षण ग्रह में कुल 57 कोविड-19 पॉजिटिव पाई गई।  

https://twitter.com/sdPachauri1/status/1274772490166734848

यह है मामला
यहां राजकीय बालिका संवासिनी गृह में 57 लड़कियां कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। इनमें 7 गर्भवती हैं। दो गर्भवती लड़कियों में से एक एचआईवी पॉजिटिव भी है वहीं दूसरी लड़की को हेपेटाइटिस सी का संक्रमण है। इस मामले का सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने स्पष्ट किया है कि नाबालिग शेल्टर होम आने से पहले प्रग्नेंट थीं। आरोपियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज हैं। कोरोना संक्रमित दो बालिकाओं को हैलट व बाकी तीन को रामा मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है। 

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