राम मंदिर : आज 12.44 बजे 500 वर्षों का सपना होगा साकार

अयोध्या : बुधवार की दोपहर ठीक 12 बजकर 44 मिनट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोलेंगे- प्रतिष्ठापियामी, इसके साथ ही राम मंदिर का भूमि पूजन संपन्न हो जाएगा। राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंदेव गिरी ने बताया कि 5 अगस्त की सुबह शिलाओं की स्थापना का काम करीब साढ़े 8 बजे से शुरू हो जाएगा। वह साढ़े 12 बजे तक पूरा हो जाएगा। साढ़े 12 बजे पीएम वहां पर पहुंच जाएंगे उनके हाथों से 15 मिनट तक पूजा होगी। इसमें वह संकल्प भी करेंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि इस कार्यक्रम से पहले मोदी हनुमानगढ़ी में पूजा और दर्शन करेंगे। हनुमानगढ़ी में पूजा अर्चना के बाद प्रधानमंत्री ‘श्री राम जन्मभूमि’ जाएंगे जहां वह ‘भगवान श्री रामलला विराजमान’ की पूजा और दर्शन में शामिल होंगे। बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री पारिजात का पौधा लगाएंगे और फिर भूमि पूजन करेंगे। मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने के लिए वह एक पट्टिका का अनावरण करेंगे और इस मौके पर ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी करेंगे।

कुर्म शिला के ठीक ऊपर राम लला विराजेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम जन्मभूमि पहुंचकर कुर्म शिला की पूजा करेंगे। कुर्म शिला के ठीक ऊपर राम लला विराजेंगे। 8 शिलाओं का भी पीएम पूजन करेंगे लेकिन उनका सामान्य पूजन होगा क्योंकि उनकी पूजन और सारे संस्कार पहले हो चुके हैं। मुख्य पूजन कुर्म शिला का होगा।पीएम संकल्प लेंगे, फिर गणपति पूजन होगा। शिलाओं के पूजन के बाद अभिमंत्रित किया हुआ बकुल वृक्ष के शंकु का भी पूजन होगा। इसमें अनेक अभिमंत्रित पदार्थ भरे हुए हैं उनका भी पूजन होगा।

12.44 मिनट का शुभ क्षण
पीएम कुर्म शिला के ऊपर एक पंच धातु के एक कमल पुष्प को अर्पित करेंगे। इसमें नवरत्न जड़े हुए हैं। फिर पीएम ठीक 12 बजकर 44 मिनट पर बोलेंगे- प्रतिष्ठापयामी और अक्षत और फूल चढ़ाएंगे। राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंदेव गिरी ने कहा कि पूजन के बाद सारी सामग्री वहां से भगवान राम लला के मंदिर में स्थानांतरित करके सुरक्षा के साथ वहां पर विराजमान करेंगे। जब हमें वहां पर बड़ा गड्डा करने की अनुमति मिलेगी तो उस गड्डे में उसकी स्थापना हो जाएगी।

संतो को दिया जाएगा चांदी का सिक्का
गोविंददेव गिरी ने बताया कि ट्रस्ट की तरफ से कोई उपहार देने के बारे में विचार नहीं किया गया था। लेकिन कांची पीठाधीश्वर ने संतों के लिए रजन की मुद्राएं (चांदी का सिक्का) भेजी हैं। इन्हें कार्यक्रम में आए सभी अतिथि संतों को प्रसाद के तौर पर दिया जाएगा।

बंदरों का भी खास ख्याल
अयोध्या नगरी राम की नगरी है और यहां हर कोने कोने में बंदर भी हैं। भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान बंदरों के लिए भी खास इंतजाम किया गया है। कार्यक्रम स्थल के पास पांच जगहें चिन्हिंत की गई है जहां भूमि पूजन शुरू होने से पहले बंदरों के लिए चने और जलेबी रख दी जाएगी। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है ताकि बंदर वहां मंच या आसपास ना चढ़े।

अब तक 30 करोड़ रुपये
ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरी ने बताया कि अब तक करीब तीस करोड़ से अधिक की राशि एकत्र हो गई है। बुधवार सुबह 11 करोड़ रुपये संत मुरारी बाबू की तरफ से मिलने वाले हैं। उनकी तरफ से ही सात करोड़ रुपए और एफसीआरए की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मिलेंगे। यह विदेश की राशि है। 21 करोड़ रुपए देने का संकल्प पुणे के विश्वनाथ कराड ने और डॉ. विजय भटकल ने किया है वह भी मिलेगा।

तीन खास रंगोली
राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए खास रंगोली भी बना रहे हैं। पहली रंगोली वहां पर बनाई जा रही है जहां पर रामलला अभी विराजमान हैं। इसमें स्वास्तिक, शंख, कलश, मछली, मोर और ओम का चिन्ह होगा। दूसरी रंगोली मंच के सामने बन रही है। यह डी शेप की होगी जिसमें भी शुभ चिन्हों का इस्तेमाल होगा और चारों तरफ कलश रखे जाएंगे। जहां पर भूमि पूजन होगा वहां की रंगोली में एक तरफ लिखा जाएगा- भए प्रकट कृपाला और दूसरी तरफ लिखा होगा जय श्री राम।

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