दिल्ली अग्निकांड का रियल हीरो, जख्मी हालत में भी राजेश में बचाई 11 जिंदगियां

राजधानी दिल्ली में रानी झांसी रोड स्थित फिल्मिस्तान के निकट अनाज मंडी इलाके में रविवार सुबह तीन मंजिला एक इमारत में भीषण आग लग गई, जिसमें 43 लोगों की मौत हो गई। बचाव और अग्निशमन विभाग के दस्तों ने कई लोगों को बचाया है, जिनमें से कई की हालत गंभीर है। ताजा सूचना के मुताबिक आग में 56 से अधिक लोग घायल हुए हैं। फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है। दिल्ली सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रत्येक मृतक आश्रित को 10 लाख रुपये और प्रत्येक घायल को एक लाख रुपये मुआवजा देने और मुफ्त इलाज मुहैया कराने का ऐलान किया है।  आग लगने की आज की इस घटना ने दो दशक पहले दिल्ली में हुए उपहार सिनेमाघर अग्निकांड की याद दिला दी, जिसमें 59 लोगों की मौत हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना को बेहद भयानक बताते हुए गहरा दुख व्यक्त किया है।

वही इस घटना के बाद एक फायरमैन राजेश शुक्ला की तस्वीर सामने आई हैं जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर करीब 11 लोगों की जान बचाई है। हड्डी की चोट के बावजूद फायरमैन ने अपना काम किया।  दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अपने ट्विटर हैंडल से इस फायरमैन की तस्वीर पोस्ट की है और उन्होंने लिखा है कि फायरमैन राजेश शुक्ला एक रियल हीरो हैं। वह फायर स्पॉट में प्रवेश करने वाले पहले फायरमैन थे जिन्होंने 11 लोगों की जान बचाई। सत्येंद्र जैन ने ट्वीट के अंत में लिखा है इस बहादुर हीरो को सलाम।

अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें आग लगने के बारे में सुबह फोन आया और बताया गया कि उन्हें जलती हुई इमारत में फंसे लोगों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, जिससे बचाव कार्य में देरी हुई। एलएनजेपी अस्पताल के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अस्पताल में लाए गए कई लोगों की मौत हो गई है। बचाए गए और घायलों में से कई को सफदरजंग, आरएमएल अस्पताल, लेडी हार्डिंग और हिंदू राव अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों और घायलों की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं, क्योंकि ज्यादातर लोग बाहरी मजदूर हैं।
सघन बसावट और तंग गलियां होने के कारण बचाव दल को काफी दिक्कत हुई। आग लगने की वजह बिजली का शार्ट सर्किट होना बताया जा रहा है। ताजा सूचना मिलने तक कई लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। दिल्ली के चीफ फायर अफसर के मुताबिक अंदर से अब जिन लोगों को निकाला गया है, उनकी हालत अत्यंत गंभीर है, क्योंकि आग लगने के चार घंटे से अधिक समय तक बचाव कार्य को अंजाम दिया गया। इसलिए हताहत होने वालों की संख्या बढ़ सकती है। यहां पर होजरी पैकिंग और प्लास्टिक की फैक्टरी भी चलती थी, जिसने आग को तेजी से बढ़ाया।
स्थानीय चश्मदीदों ने बताया कि इमारत यहां काम करने वाले मजदूरों से भरी हुई थी। ये मजदूर यहां पर उस वक्त सो रहे थे। पुलिस ने इमारत के मालिक की तलाश शुरू कर दी है, जो फरार बताया जा रहा है। फिलहाल उसके भाई को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। आग बुझाने और बचाव कार्य को अंजाम देने के लिए 30 से अधिक फायर टेंडरों ने युद्ध स्तर पर काम किया। सुबह तड़के आग लगने पर कई लोग इमारत के अंदर फंस गए। फायर ब्रिगेड को सुबह 5:22 बजे आग लगने की सूचना मिली, जिसके बाद 30 फायर टेंडर्स को घटनास्थल पर भेजा गया।
दिल्ली अग्निशमन सेवा के मुख्य अग्निशमन अधिकारी अतुल गर्ग ने कहा, “अब तक हमने 56 से अधिक लोगों को बचाया है। उनमें से ज्यादातर धुएं के कारण दम घुटने से प्रभावित हुए हैं।” मीडिया से बात करते हुए, डिप्टी फायर चीफ ऑफिसर सुनील चौधरी ने कहा, “600 वर्ग फीट के प्लॉट में आग लग गई। यहां अंदर बहुत अंधेरा था। यह एक फैक्टरी है जहां स्कूल बैग, बोतलें और अन्य सामग्री रखी जाती थी।” हालांकि आग पर काबू पा लिया गया है। उसके बाद की औपचारिकताएं पूरे करने का काम अभी भी जारी है। घटना स्थल और अस्पतालों के बाहर हर तरफ चीख-पुकार मची हुई है। रोते बिलखते लोग अपनों को ढूंढ रहे हैं।

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