रघुवंश बाबू के इस्तीफे के बाद बैकफुट पर आया राजद



-फिलहाल पूर्व सांसद रामा सिंह की पार्टी में शामिल करने पर लगी रोक

  • 2014 के लोकसभा चुनाव में वैशाली से रामा सिंह ने दी थी रघुवंश बाबू को शिकस्त

पटना, । राष्ट्रीय जनता दल में लोजपा के पूर्व सांसद रामा किशोर सिंह उर्फ़ रामा सिंह को शामिल किये जाने के फैसले से नाराज रघुवंश प्रसाद सिंह ने तेजस्वी यादव को बैकफुट पर धकेल दिया है। रामा सिंह को राजद में शामिल करने की योजना फिलहाल टल गई है। रामा सिंह 29 जून को राजद में शामिल होने वाले थे लेकिन उसके पहले ही रघुवंश प्रसाद सिंह ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा देते हुए अपनी नाराजगी जाहिर कर दी।

रघुवंश प्रसाद सिंह फिलहाल कोरोना वायरस के संक्रमण से पीड़ित हैं और पटना के एम्स में अपना इलाज करा रहे हैं। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से अपने इस्तीफे के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह ने केवल इतना कहा था कि वह स्वस्थ होने के बाद आगे की रणनीति का खुलासा करेंगे। रघुवंश बाबू के इस फैसले के बाद रांची रिम्स में इलाज करा रहे लालू प्रसाद भी परेशान हो गए थे। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर इस बात के लिए दबाव बढ़ने लगा था कि वह रघुवंश बाबू की नाराजगी को खत्म करें और रामा सिंह की एंट्री पर तत्काल रोक लगाएं।

अब राजद के अंदर खाने से जो खबर आ रही है, उसके मुताबिक के रामा सिंह की एंट्री पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। पार्टी नहीं चाहती है कि रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी और खास तौर पर ऐसे वक्त में जब पांच विधान पार्षदों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है, रघुवंश बाबू अगर कोई कड़ा फैसला लेते हैं, तो लालू और तेजस्वी के लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगी।

रामा सिंह और रघुवंश प्रसाद थे आमने-सामने
रामा सिंह ने वैशाली से लोकसभा चुनाव वर्ष 2014 में लोजपा के टिकट पर लड़ा था। इस दौरान उन्होंने राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह को शिकस्त दी थी, लेकिन इसके बाद 2019 के चुनाव के दौरान पार्टी ने उनकी जगह वीणा देवी को टिकट दे दिया जिसके बाद नाराज रामा सिंह ने तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। वह 29 जून को राजद में शामिल होने वाले थे । रघुवंश प्रसाद सिंह इससे भड़क उठे हैं ।

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