देश भर के कलाकारों को स्थाई छत का आसरा दिलाने के प्रयास में जुटी संस्कार भारती

-राष्ट्रीय महामंत्री अमीर चंद ने कहा, संस्कृति संवाहकों को मिले लाभ।

देश में केंद्र व राज्यों की अपनी सांस्कृतिक-नीति बनाने का भी किया आह्वान।
-आर एस एस के इस संगठन ने भेजे सरकारों को प्रस्ताव। लखनऊ। रंगमंच, कला व संस्कृति के क्षेत्र में काम करने वाले बड़े संगठन ‘संस्कार भारती’ के राष्ट्रीय महामंत्री अमीर चंद ने कहा है कि दिल्ली में कलाकारों को सरकारी आवास खाली कराने की नोटिस मिलने के बाद संगठन अब उन कलाकारों के साथ आ खड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल से बात भी हुई है, जिन्होंने इस विषय को हमारे हिसाब से समझा है। अमीर चंद ने कहा कि वास्तव में, रचनात्मक भूमिका अदा करने वाले कलाकारों का इस समाज व देश के निर्माण में बड़ा योगदान है इसलिए ऐसे लोगों की चिंता में संस्कार भारती सामने आया है।


उनसे दिल्ली में मकान ना खाली कराए जाने का प्रस्ताव हमने केंद्र सरकार को दिया है लेकिन यह भी तय किया है कि इसकी आड़ में खुद को कलाकार घोषित कराए हुए राष्ट्र विरोधी, समाज विरोधी व संस्कृति विरोधी तत्वों को लाभ न मिल जाए।


अभी बात यह है कि संस्कृति के संवाहक स्वरूप सभी प्रतिष्ठित कलाकारों व आर्थिक रूप से पर्याप्त सक्षम न रहने वाले कलाकारों के लिए सरकारों को उन्हें आवास नीति में जोड़ते हुए सब्सिडी व प्राथमिकता के आधार पर घर दिए जाने का भी प्रस्ताव हमने देश व प्रदेशों की सरकारों को भेजा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन “संस्कार भारती” के राष्ट्रीय महामंत्री अमीरचंद यहां दैनिक भास्कर से हुई विशेष भेंटवार्ता में बोले कि संस्कृति देश के समाज का मार्गदर्शन करने व उसकी मानसिकता को शुद्ध करने का काम करती है और यही कारण है कि ओटीटी पर प्रसारित होने वाली विवादित और दूषित संस्कार उत्पन्न करने वाली वेब सीरीजों पर नजर रख उसे दुरुस्त करने के लिए संगठन की गत सात जून को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हमने प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजा। इस पर केंद्र सरकार ने तत्काल संज्ञान लेते हुए कार्रवाई का जिम्मा सूचना प्रसारण मंत्रालय को सौंप दिया। अमित चंद ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कोरोना काल की त्रासदी से पूरे विश्व में उथल-पुथल मची है।

ऐसे में बहुत लोग आर्थिक रूप से टूट गए । कलाकार भी बहुत प्रभावित हुए। ऐसे में पूर्वोत्तर के राज्यों में, कर्नाटक में और जहां-जहां बन पड़ा, वहां लगभग 72 हजार कलाकारों को हमने सहायता की। अभी प्रयास है कि कलाकारों को अधिक से अधिक कार्यक्रम मिले। प्रत्येक प्रस्तुति प्रत्यक्ष न संभव हो सके तो वर्चुअल प्लेटफार्म पर सरकारी बुकिंग उन्हें मिलती रहे तो उनकी आए तो होती रहे। ऐसा सरकारों से निवेदन किया जा रहा है और अब ‘संस्कार भारती’ धरातल पर एक और काम करने में जुटा है कि देश में एक संस्कृति-नीति तो बने।राज्य भी बनाएं ताकि हम देश की संस्कृति और संस्कृति कर्मियों को बचा सकें।

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