रामनगरी के संत-धर्माचार्यों की भी बढ़ाई गई सुरक्ष , 30 नवम्बर तक सभी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द

रामजन्मभूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद अब सभी को ‘सुप्रीम’ निर्णय का इंतज़ार है। जिला प्रशासन ने भी इसकी तैयारियां जोरों से शुरू कर दी हैं। रामनगरी में पुलिस ने सघन चेकिंग बढ़ा दी है। अराजक तत्वों पर नजर रखी जा रही है। दो माह के लिए धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा भी लागू कर दी गई है। रामनगरी के संत-धर्माचार्यों की भी सुरक्षा बढ़ाई जा रही है।

जिले में जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष मणिराम दास के महंत नृत्यगोपालदास को पहले से ही वाई श्रेणी सुरक्षा प्राप्त है। इसके साथ ही उनके उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास को भी सुरक्षा दी गई है। रामनगरी के संत-धर्माचार्यों में रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास, तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास, बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेश दास, महंत गिरीश दास, राम वल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास, रंग महल के महंत रामशरण दास, उदासीन अखाड़ा के महंत भरत दास, दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, नाका हनुमानगढ़ी़ के महंत रामदास, दशरथ महल बड़ास्थान के महंत बिन्दुगद्याचार्य देवेंद्र प्रसादाचार्य के साथ अन्य कई प्रमुख संतो की सुरक्षा में पुलिस के जवान लगाए गए हैं। पुलिस अधीक्षक नगर विजयपाल सिंह ने बताया कि कई संतों को पहले से ही सुरक्षा दी जा रही है।

इसके अलावा मंदिर मस्जिद विवाद से जुड़े पक्षकारों को भी सुरक्षा दी गई है जिसमें बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि दिए गए प्रार्थना पत्र पर जांच के बाद सुरक्षा समिति समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट शासन को भेजता है और शासन के आदेशानुसार सुरक्षा में जवान लगाए जा रहे हैं।


अयोध्या फैसले से पहले उप्र में 30 नवम्बर तक सभी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अयोध्या मामले में फैसले से पहले सूबे के सभी अधिकारियों की छुट्टियां 30 नवम्बर तक रद्द कर दी है। इसके लिए शासन की तरफ से बुधवार को एक आदेश भी जारी कर दिया गया।

हालांकि, नियुक्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंहल की तरफ से जारी आदेश में अयोध्या प्रकरण का जिक्र नहीं किया गया है। शासनादेश में केवल आगामी त्योहारों के दृष्टिगत फील्ड में तैनात किसी भी अधिकारी को 30 नवम्बर तक छुट्टी न देने की बात कही गयी है। दूसरी तरफ शासन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार ने अयोध्या मामले में एहतियातन यह कदम उठाया है। शासनादेश की प्रतियां प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को भी भेजी गई हैं। अयोध्या प्रकरण पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई का आज अंतिम दिन है। ऐसे में इस मामले में अदालत का फैसला किसी भी दिन आ सकता है। इसके मद्देनजर प्रदेश की योगी सरकार ने कानून व्यवस्था को लेकर तैयारियों में लगी हुई है। इससे पहले अयोध्या में धारा 144 लागू करके वहां की सुरक्षा व्यवस्था को और चौकस कर दिया गया है।

प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह भी अयोध्या दीपोत्सव की तैयारियों को देखने के बहाने मंगलवार को अयोध्या जाकर वहां की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले चुके हैं। अयोध्या में अतिरिक्त सुरक्षा बल उपलब्ध कराने के लिए प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी जोन से पुलिस बल भेजा जा रहा है। मंगलवार को ही पुलिस मुख्यालय की ओर से 30 इंस्पेक्टर, 50 सब इंस्पेक्टर, 10 महिला सब इंस्पेक्टर, 50 मुख्य आरक्षी और 200 आरक्षी और 100 महिला आरक्षी को अयोध्या पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं।

इनमें सीबीसीआईडी, ईओडब्ल्यू और भ्रष्टाचार निवारण संगठन में तैनात 30 इंस्पेक्टरों के अलावा प्रयागराज जोन से 10 सब इंस्पेक्टर, चार महिला सब इंस्पेक्टर, 10 मुख्य आरक्षी, 60 आरक्षी और 40 महिला आरक्षी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। गोरखपुर जोन को 20 सब इंस्पेक्टर, 2 महिला सब इंस्पेक्टर, 20 मुख्य आरक्षी, 70 आरक्षी और 20 महिला आरक्षी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। वाराणसी जोन को 20 सब इंस्पेक्टर, चार महिला सब इंस्पेक्टर, 20 मुख्य आरक्षी, 70 आरक्षी और 40 महिला आरक्षी उपलब्ध कराने को कहा गया है।

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