रामजन्मभूमि पर फिदायीन हमले की बरसी पर रामनगरी की सुरक्षा सख्त

  • 5 जुलाई 2005 को रामजन्मभूमि पर हुआ हमला
  • पांच आतंकवादियों ने किया था हमला
  • पांचों आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था

अयोध्या । पांच जुलाई, 2005 को राम जन्म भूमि पर हुए फिदायीन आतंकी हमले की 14वीं बरसी और गुरु पूर्णिमा पर्व पर रविवार को अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। रामनगरी में प्रवेश के सभी मार्गों पर स्थानीय पुलिस के साथ अधिकारी कर्मचारी आने-जाने वाले चार पहिया वाहनों की सघन चेकिंग और पर्यटकों के सामान की तलाशी के साथ ही उनसे पूछताछ कर उन्हें अयोध्या आने से रोका जा रहा है।

कोरोना के खतरे को देखते हुए सभी मंदिरों में बाहर से आने वाले भक्तों को रोका जा रहा है और सरयू घाट पर स्नान करने के लिए पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। कोरोना काल में सावन मेले में प्रतिबंध के चलते पहले से ही अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है। आज गुरु पूर्णिमा के चलते भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई। अयोध्या धाम सीमा सील की गई है। सुबह से ही अयोध्या में नया घाट बंधा तिराहा, रानोपाली तिराहा, टेढ़ी बाजार, राम जन्मभूमि प्रवेश मार्ग, बूथ नंबर-4 प्रवेश मार्ग सहित अयोध्या में प्रवेश के अन्य मार्गों पर पुलिस सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी कर रहे हैं।

इसके साथ नगर के होटल, धर्मशाला और रेलवे स्टेशन पर पुलिस के जवान तलाशी ले रहे हैं। खुफिया एजेंसियों आईबी, एलआईयू के लोग संदिग्ध व्यक्तियों पर बराबर अपनी नजर गड़ाए हुए हैं। राम जन्म भूमि के रास्तों पर जाने वाले सभी लोगों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

उल्लेखनीय है कि पांच जुलाई,2005 को राम जन्मभूमि परिसर के बैरिकेटिंग और वाच टावर 12 के निकट कौशलेश कुंज संस्कृत महाविद्यालय के पास लश्कर ने एक बड़ा फिदायीन आतंकी हमले को अंजाम दिया था। जिसमें लश्कर के पांच आतंकियों ने मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर में विराजमान रामलला को रॉकेट लॉन्चर से उड़ा देने की योजना बनाई थी। सीआरपीएफ, पीएसी और स्थानीय सुरक्षा बल के जवानों की कड़ी मेहनत के चलते ये फिदायीन आतंकी हमला सफल नहीं हो सका था। इस हमले में बड़ी जवाबी कार्रवाई करते हुए सीआरपीएफ ने पाकिस्तान के रहने वाले पांचों आतंकियों को मार गिराया और हमले को नाकाम किया था। हमले में दो स्थानीय नागरिक भी हताहत हुए थे और कुछ पुलिसकर्मियों को चोटे भी आईं थी।

इसी मामले में वर्ष 2019 के जून माह में प्रयागराज न्यायालय ने फिदायीन हमले को अंजाम देने में मदद करने वाले चार अन्य आतंकियों को घटना में शामिल होने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा के साथ एक को बरी किया है।

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