करोड़ों की जमीन हड़पने के चक्कर हुई शकुंतला की किडनैपिंग, ऐसे हुआ खुलासा..

  • एक की मौत मां बेटी न्याय के लिये अधिकारियों के चौखट पर दे रही दस्तक
  • पूर्व सांसद को क्षेत्राधिकारी सदर ने थमाये नोटिश
  • मामला बड़ेरा मौजा की कीमती जमीन का
  • वसीयत कराकर करना चाहते थे खेल खुल गई पोल
  • पुलिस की कार्रवाई से कई सफेदपोशों पर गिर सकती है गाज

उरई जालौन। शकुंतला और सुनीता कांड में दो आरोपी गिरफ्तार कर लिये गये हैं और जिन लोगों पर शक की सुइयां घूम रही हैं उनको अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस दिए गये हैं ताकि निष्पक्षता के साथ कार्यवाही अमल में लाई जा सके।

वही 5 अक्टूबर 2020 को शकुंतला का अपहरण हुआ था यह आरोप उनकी पुत्री सुनीता ने लगाया था जिसमें त्वरित कार्यवाही के दौरान सुनीता रजनी गरौठा क्षेत्र में बरामद हुई थी और सुनीता जोकि उरई लाई गई थी हालत अत्यधिक नाजुक होने के कारण उसकी मृत्यु हो गई और मामला सुर्खियों में आ गया जानकारी के मुताबिक शकुंतला जिसके पास बड़ेरा मौजा कीमती जमीन थी और उस जमीन पर कई लोगों की नजरें थी। वही अरविंद वर्मा पुत्र चतुर सिंह ने एक वसीयत तैयार करके उसकी मां श्रीमती शकुंतला पत्नी जवाहर मोहल्ला निवासी रामनगर से करायी जिसमें गवाह के रूप में रूपेंद्र वर्मा पुत्र रामपाल थे और यह वसीयत माधौगण सब रजिस्ट्रार के यहां रजिस्टर्ड कराई गयी सवाल ये उठता है कि उसकी रजिस्ट्री उरई में क्यों नहीं हुयी।

कहीं ना कहीं इसकी कीमती जमीन को हड़पने का प्रयास था जिस जमीन की वसीयत कराई गयी वह आराजी नंबर 25 मौजा मौजा बडेरा रकवा 2.770 हेक्टेयर है और जिसकी कीमत एक करोड़ पांच लाख रुपये खोली जिसमें से चार लाख मौके पर देना दिखाया गया। बांकी जो भारी रकम थी वहीं तक पहुंची ही नहीं और जो 5 तारीख को एक वीडियो जारी हुआ था उसमें संभवत यह बात कही भी गयी है। जबकि मामले को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया जबकि पूर्व सांसद बृजलाल खबरी द्वारा अनुभव चतुर्वेदी पुत्र शील कुमार चतुर्वेदी एवं रईस पुत्र सईद खान के खिलाफ एक तहरीर घटना के 10 दिन बाद दिलाई गयी थी जिसमें इन लोगों के नाम जोड़े गये और मामले को भू माफिया का आरोप लगाकर दूसरे ढंग से पेश करने का प्रयास किया गया।

इस मामले में अनुभव चतुर्वेदी और रईस खान पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर निष्पक्ष जांच की मांग की थी और निष्पक्ष जांच के मामले में पुलिस अधीक्षक ने संबंधित लोगों को तलब करने के निर्देश भी जारी किये। इस मामले में कल्ला चौधरी पुत्र शरीफ कुरैशी, बृजलाल खाबरी पूर्व सांसद निवासी कालपी रोड को अभिलेखों सहित उपस्थित होकर अपना कथन रखने का निर्देश दिया गया ताकि वास्तविकता समझ में आये। आखिरकार शकुंतला देवी की जमीन को कौन लोग हड़पना चाहते हैं और इनका मकसद क्या है वही धनाराम पाल उर्फ वृंदावन पुत्र तुलसीराम पाल निवासी जखौरा थाना ककरवर्इ जनपद झांसी हाल निवासी रामनगर थाना कोतवाली उरई एवं अरविंद कुमार वर्मा पुत्र चतुर सिंह वर्मा निज निवास स्वराज एजेंसी के बगल में मोहल्ला राजेंद्र नगर जिला जालौन संबंधित के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 780/ 20 धारा 364ए/323/ 504/506 आईपीसी (3) (2) 5 एससी एसटी भूमाफिया तथा इनके द्वारा 5 अक्टूबर को रजनी पुत्री जवाहर निवासी रामनगर झांसी रोड उनकी बहन सुनीता का अपहरण कर जबरन जमीन का बैनामा अपने नाम करवाने के संबंध में मुकदमा पंजीकृत हैं।

अभियुक्तों को कोच बस स्टैंड प्रतीक्षालय के समीप गिरफ्तार किया गया। जबकि एक अन्य अभियुक्त जो कि अब तक गिरफ्तार नही हुआ है अगर वह गिरफ्तार होता है तो षड्यंत्र रचा गया है उसका पर्दा खुलते ही सारी सच्चाई सामने आ जायेगी। उक्त दोनों लोग में से एक अरविंद कुमार वर्मा जो कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है व उसका साथी रूपेन्द्र कुमार वर्मा जो पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी द्वारा एक जमीन सोमई में खरीदी गई थी उसमें गवाह हैं व आराजी 266 में बैनामे के आधे के मालिक भी हैं। इससे यह प्रतीत होता है कहीं ना कहीं दोनों लोग पूर्व सांसद के नजदीक हैं और जो मामला अभी सुर्खियों में हैं वह कहीं ना कहीं इस बात के संकेत दे रहा कि शकुंतला देवी की कीमती जमीन पर गिरफ्तार किए गये लोगों की नजर थी।

इसीलिए वसीयत कराई गयी। और पैसा न देना पड़े इसके लिए एक बहुत बड़ा चक्रव्यू तैयार किया गया परंतु वह कहावत सही है जाको राखे साइयां मार सके न कोई तो शकुंतला को बचना था मामला खुलना था और कई लोगों को इसके लपेटे में आना था इसलिये यह सब सामने आया। वहीं पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी से इस मामले में बात की गई तो उन्होंने बताया कि सोमई की जमीन बृजेंद्र और रूपेंद्र के वस्ते पर लिखा पढ़ी की गई थी इसीलिये उनका गवाही में नाम डाला गया है। शकुंतला का मामला मेरे पूरे संज्ञान में है साथ ही अगर उन्होंने कोई बगल में रजिस्ट्री कराई है तो हम और वह वैसे भी आमने-सामने हो गये और क्षेत्राधिकारी की ओर से कोई नोटिस मुझे अब तक नहीं मिला है और मिलेगा तो हम जरूर कानून का पालन करेंगे। वही क्षेत्राधिकारी सदर संतोष कुमार तृतीय ने बताया कि जो लोग इसमें दोषी है या लेते हैं उन्हें किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। अभियुक्तों को गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक सुधाकर मिश्रा, उप निरीक्षक विजय कुमार द्विवेदी, उपनिरीक्षक मंसूर अंसारी, कॉन्स्टेबल 1147 अरुण कुमार सम्मिलित रहे।

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