200 कांग्रेसी हुए भाजपाई, शिवराज ने कहा- कमलनाथ सरकार ने 15 महीन में किए हज़ारों करोड़ के घोटाले

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शनिवार (मई 23, 2020) को लगभग 200 कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीएम चौहान की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की, जिनमें कई बड़े नेता भी शामिल हैं। कहा जा रहा है कि इनमें से अधिकतर ग्वालियर राजघराने के वफादार हैं, जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के पीछे कॉन्ग्रेस छोड़ कर आए हैं। भाजपा मुख्यालय में सिंधिया समर्थक लगातार पहुँचते रहे हैं।

मध्य प्रदेश में उपचुनाव होना है। ऐसे में पार्टी के नेता अब पदाधिकारियों से नजदीकी बढ़ाने में लग गए हैं। हाल ही में पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट ने समर्थकों सहित भाजपा ज्वाइन की थी। अब पूर्व मंत्री डॉक्टर प्रभुराम चौथरी के कई समर्थक भाजपा में शामिल हुए। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने उन्हें सदस्यता दिलाई। भाजपा ने बताया कि कार्यक्रम में सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन किया गया।

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का आरोप है कि कार्यक्रम में सामाजिक दूरी की धज्जियाँ उड़ाई गईं। भाजपा में शामिल होने वालों में ज्यादातर साँची और रायसेन नगर के थे। डॉक्टर चौधरी के समर्थकों में कई कॉन्ग्रेस कमिटी के सदस्य, जिलाध्यक्ष, पूर्व जिलाध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष, यूथ कॉन्ग्रेस अध्यक्ष और सरपंच सहित कई नेता शामिल थे। सीएम चौहान ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है और सब मिल कर इसे और मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा:

“कमलनाथ सरकार के दौरान वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया था। कॉन्ग्रेस सरकार का एक ही लक्ष्य था कि किस तरह लूट-खसोट को अंजाम दिया जाए। कमलनाथ सरकार ने मात्र 15 महीने के दौरान ही हजारों करोड़ के घोटाले किए। ग़रीबों के हक़ पर डाका डालने का काम किया गया। सिंधिया जी और उनके समर्थकों ने एक मिसाल पेश की है। उन्होंने जनता की भलाई के लिए ये फ़ैसला लिया। डॉक्टर चौधरी ने प्रदेश को बचाने के लिए त्याग का अनुपम उदाहरण पेश किया है। उन्होंने मंत्रीपद त्याग कर सत्य का साथ दिया है।”

सीएम चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश बड़े लक्ष्य के लिए परिवर्तित हुआ है और सब वैसे ही मिल कर काम करेंगे, जैसे दूध में शक्कर मिल जाता है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी गुप्ता ने कार्यकर्ताओं को साँची विजय अभियान में जुट जाने का आग्रह किया और कहा कि भाजपा में हर एक व्यक्ति कार्यकर्ता होता है, चाहे वो मुख्यमंत्री हो या प्रदेश अध्यक्ष। उन्होंने कॉन्ग्रेस के आरोप-प्रत्यारोप का मुखरता से जवाब देने की अपील की।

वहीं इस कार्याक्रम से भड़के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सवाल किया कि क्या शारीरिक दूरी के नियम सिर्फ़ आमजनों के लिए हैं? उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि क्या आपकी पार्टी के लिए ये नियम-क़ानून लागू नहीं होते? उन्होंने आरोप लगाया कि भीड़भाड़ वाले इस कार्यक्रम में सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन नहीं किया गया। उन्होंने साथ ही दोषियों पर कार्रवाई की माँग की। उन्होंने आरोप लगाया कि तय संख्या से अधिक लोग जुटे थे।

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